2016-09-09 16:59:00

सुसमाचार प्रचार कार्य नहीं वरन् जीवन का साक्ष्य है


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 09 सितम्बर 2016 (सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन के अपने निवास संत मार्था के प्रार्थनालय में अपने प्रातःकालीन ख्रीस्तयाग के दौरान अपने प्रवचन में कहा कि सुसमाचार का प्रचार कार्य नहीं वरन् अपने जीवन के द्वारा साक्ष्य देना है।
संत पापा ने कहा कि सुसमाचार प्रचार का अर्थ क्या हैं और हम इसे कैसे कहते हैं? उन्होंने कुरुथियों के नाम लिखे गये संत पौलुस के पहले पत्र पर अपना चिंतन प्रस्तुत कहते हुए कहा कि सुसमाचार का प्रसार शेखी नहीं है और न ही यह एक कार्य मात्र है। संत पौलुस के वचनों को उद्धत करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए घमंड का कारण नहीं वरन् यह हर ख्रीस्तीय के लिए अनिवार्य है जिसे हमें हृदय से करना है। यह हमारे जीवन को दूसरों के साथ साझा करना है, विश्वास में एक दूसरे के साथ चलना और अपने विश्वास में बढ़ना है।
सुसमाचार का प्रचार हम कैसे करते हैं इसका उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि हम वचनों के द्वारा नहीं वरन् कार्यों के द्वारा इसका साक्ष्य देना है। यदि कोई बीमार है तो हम उसके पास जाकर उसकी सेवा करना है। हम अपने जीवन में सभी चीजों को सब के लिए करना है।
विश्व युवा दिवस में एक युवा के द्वारा पूछे गये एक सवाल को याद करते हुए उन्होंने कहा, “एक अविश्वासी मित्र को उसे क्या कहना चाहिए? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि आप को उससे अंततः कुछ कहना है, “मैं जीता हूँ क्यों मैं येसु ख्रीस्त पर विश्वास करता हूँ। मैं जीवन में अपने कामों को करता हूँ क्योंकि मैं येसु पर विश्वास करता हूँ।” हमारे जीवन में सुसमाचार का प्रचार करना हमारे शब्दों में नहीं वरन् हमारे जीवन के कामों में निहित है। इन कार्यों को हमें मुफ्त में लोगों के लिए करना है क्योंकि हमने सुसमाचार को मुफ्त में पाया है। कृपा और मुक्ति को हम अपने जीवन में खरीद या बेच नहीं सकते हैं। अतः इसे हमें दूसरों को मुफ्त में देना है।

संत पापा ने कहा कि येसु को घोषित करना अपने विश्वास को जीना है और येसु के प्रेम को लोगों के बीच बाँटना है। येसु समाजी संत पीटर क्लवेर ने ऐसा ही किया। उन्होंने अपने को अफ्रीका के दीन-हीन, गरीब बिक्री किये जाने वाले दासों के खातिर दे दिया। उन्होंने अपने को उनके समान बना लिया और सभी रुपों में उनकी सेवा की। कलीसिया में कई ऐसे संत हैं जिन्होंने अपने जीवन के द्वारा लोगों को येसु के प्रेम का प्रमाण दिया। संत पापा ने कहा कि हमें भी अपने जीवन को नम्रता और प्रेम में दूसरों के लिए मुफ्त में देना है जो सही अर्थ में सुसमाचार का प्रचार है। 








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