2016-09-08 16:54:00

ईश्वर से ‘प्रज्ञा’के लिए प्रार्थना करें


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 8 सितम्बर 2016 (वीआर सेदोक): हम ईश्वर से ‘प्रज्ञा’ के लिए प्रार्थना करें ताकि हरेक दिन की छोटी-छोटी बातों में शांति स्थापित कर सकें क्योंकि प्रतिदिन के ये  छोटे चिन्ह द्वारा ही विश्व स्तर पर शांति स्थापित करने को सम्भव बनाया जा सकता है। यह बात संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार को वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए कही।

उन्होंने प्रवचन में कहा कि शांति बड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तब तक स्थापित नहीं की जा सकती है जब तक कि यह छोटे स्तर पर शुरू न किया जाए। उन्होंने कहा कि यह ईश्वर से तथा छोटे स्थान पर आता है उदाहरणार्थ, हमारे हृदय में अथवा स्वप्न में जैसा कि जोसेफ के साथ हुआ।

संत पापा ने कहा कि प्रार्थना एक माध्यम है जिसके द्वारा हम एकता एवं शांति में बढ़ते हैं जो प्रतिदिन काम करने हेतु हमारे लिए एक कृपा के समान है। संत पापा ने संतों का उदाहरण दिया जिन्होंने इस शांति के उपहार को स्वीकार किया तथा अपने जीवन का रास्ता बनाया। शांति रातोंरात नहीं बनती। निश्चय ही यह एक वरदान है जिसे स्वीकार किया जाना तथा प्रतिदिन विकसित करना है। हमें हर दिन शांति की ओर एक कदम आगे बढ़ना है, शांति को स्वीकार करने के बाद यही हमारा कर्तव्य है।

संत पापा ने प्रश्न किया कि हम किस तरह इस उद्देश्य में सफल हो सकते हैं। उन्होंने ‘दीनता’ पर प्रकाश डाला। इसके लिए उन्होंने धन्य कुँवारी मरियम का उदाहरण दिया जिनका आज हम जन्म दिवस मना रहे हैं।  

संत पापा ने कहा, ″शांति एक उपहार है एक हस्त निर्मित उपहार, जिसके लिए हमें हर रोज काम करना है दैनिक जीवन की छोटी-छोटी बातों में। शांति हेतु विशाल पोस्टर लगा देना काफी नहीं है और न ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभा का आयोजन, यदि हम इसकी शुरूआत छोटी चीजों में न कर पायें। हम शांति के बारे अच्छी-अच्छी बातें बोल सकते हैं तथा सम्मेलन को सम्बोधित कर सकते हैं किन्तु जब तक हमारे हृदय में, परिवार में, पड़ोसियों के बीच और नौकरी में शांति नहीं है तब तक विश्व में भी शांति नहीं आ सकती। 

संत पापा ने ईश्वर से शांति निर्माण हेतु प्रज्ञा की याचना करने की सलाह दी। उन्होंने कुछ प्रश्न सामने रखे जिनके द्वारा हम अपने तथा आसपास की स्थिति को समझ सकें। आज मेरा हृदय कैसा है? क्या मुझमें शांति है? अगर शांति नहीं है तो इसका क्या कारण है? पारिवारिक स्थिति कैसी है? क्या आप अपने परिवार अथवा धर्मसमाज का संचालन नहीं कर पा रहे हैं? संत पापा ने कहा कि ये ऐसे सवाल हैं जिन्हें हर रोज पूछना चाहिए। 








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