2016-08-20 16:39:00

ईशनिंदा कानून के दुष्प्रयोग की जाँच हेतु पाकिस्तानी सीनेट की पहल


पाकिस्तान, शनिवार, 20 अगस्त 2016 (वीआर सेदोक): पाकिस्तानी संस्थानों ने निश्चय किया है कि वे ईशनिंदा कानून के दुष्प्रयोग की जाँच करेंगे।

फिदेस एजेंसी को दिये एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तानी सीनेट के मानव अधिकार आयोग ने यह घोषणा की है कि कानून के विशेषज्ञों, धार्मिक विद्वानों तथा इस्लामी विचारधारा परिषद जैसे अन्य प्रासंगिक निकायों की कई सभाओं का आयोजन किया जाएगा। 

पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में संलग्न एक ख्रीस्तीय अफताब मुगल ने कहा, ″पाकिस्तानी ख्रीस्तीयों के लिए यह एक प्रोत्साहनात्मक विकास है। धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में कार्यरत संगठनों ने लम्बे समय से सरकार से मांग करती आयी है कि ईशनिंदा कानून के दुष्प्रयोग को रोके।″ सीनेट की सभाओं का प्रमुख उद्देश्य कानून में परिवर्तन की मांग नहीं किन्तु न्यायसंगत कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है क्योंकि 80 प्रतिशत मामले ईश निंदा कानून के कारण आ रहे हैं। इस कानून के दुष्प्रयोग के कारण निर्दोष लोगों को बहुत कष्ट झेलना पड़ रहा है।

इस बीच मानव अधिकार के राष्ट्रीय आयोग, सरकारी एजेंसी ने कानून में सम्भावित संशोधन हेतु एक रिपोर्ट पेश की है। प्रस्तावित परिवर्तन में ईशनिंदा मामले की जाँच का भार केवल पुलिस अधीक्षक को सौपा जायेगा न कि कोई एजेंसी को। उन अदालतों को वर्जित किया जाएगा जो इस्लामी चरमपंथी दलों से प्रभावित हैं। अन्य उपाय का सुझाव है कि झूठे आरोपों के लिए कठोर दण्ड पर भी विचार किया जाएगा।

अंततः कहा गया है कि कानून उस व्यक्ति का सम्मान करेगी जो सच्चे दिल से क्षमा मांगेगा और ईमानदारी से पश्चाताप की अभिव्यक्ति करेगा।

एशियान्यूज़ के अनुसार पाकिस्तानी सीनेट के मानव अधिकार आयोग के अधिकतर सदस्यों ने ईशनिंदा कानून के दुष्प्रयोग पर जाँच के प्रस्ताव पर अपना समर्थन दिया है।

ज्ञात हो कि ईश निंदा कानून के तहत आशिया बीबी को मृत्यु दण्ड की सज़ा सुनायी जा चुकी है। 








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