2016-08-18 16:41:00

लाहौर में हिन्दू और मुसलमानों ने रक्षा बंधन त्योहार मनाया


लाहौर, बृहस्पतिवार, 18 अगस्त 2016 (एशियान्यूज़): लाहौर के एक हॉटेल में करीब 1,000 लोगों ने कल रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जिनमें मुसलमान भी शामिल थे। यह पहली बार है जब इस त्योहार को सार्वजनिक तौर से मनाया गया है। आयोजकों की यह उम्मीद नहीं थी कि विभिन्न धर्मों से इतनी संख्या में लोग इसमें भाग लेंगे।

रक्षा बंधन हिन्दूओं का एक खास त्योहार है जिसमें बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई उनकी रक्षा हेतु कटिबंध होते हैं। अब राखी का यह त्योहार दोस्तों के बीच भी मनायी जाने लगी है।     

रक्षा बंधन के इस उत्सव में तैमूर रहमन जो एक मुसलमान हैं तथा मानव अधिकार कार्यकर्ता भी शामिल हुए थे। एक हिन्दू लड़के की ओर से राखी मिलने पर वे वहाँ उपस्थित लोगों के लिए सूफी संगीत की धुन बजाने लगे। उन्होंने कहा, ″अब तक मैंने इसे सिर्फ फिल्मों में देखा था और यह पहली बार है जब मैंने राखी प्राप्त की है। मैं बहुत प्रभावित हूँ। अब यह हमारा कर्तव्य है कि हम उन लोगों लिए खड़े हों जिन्होंने हमें अभी-अभी मित्र के रूप में चुना है। 

तैमूर रहमन ने कहा, ″हमारा समाज अतिवाद से प्रभावित है। हिन्दू और ख्रीस्तीय न केवल आतंकवादियों से डराये जाते हैं किन्तु दूसरे समाजों द्वारा भी। दशकों से हमारे बैंड ने संघर्षरत सूफी लोगों के मानव अधिकार तथा अतिवादियों के विरोध में प्रोत्साहन दिया है।

कार्यक्रम का आयोजन हिन्दू सुधार सभा के सहयोग से शांति एवं धर्मनिरपेक्ष अध्ययन संस्था द्वारा किया गया था। हिन्दूओं को आश्चर्य हुआ जब त्योहार में कई मुस्लमान स्वयंसेवक भी शामिल होने आ गये। दिन के अंत में सभी प्रतिभागियों ने एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किया जिसमें लिखा था, ″जिन्होंने इस पर हस्ताक्षर किया है, हम विभिन्न धर्मों एवं जातीय अल्पसंख्यकों के अपने भाइयों के प्रति वचनबद्ध हैं। हम हिंसा, भेदभाव तथा धर्म के नाम पर घृणा फैलाने उत्पन्न करने वालों के विरूद्ध एक हैं।″    

हिन्दू सुधार सभा (आर एस एस) के महासचिव कुंदनानी अरून कुमार ने कहा कि हम हिन्दू अक्सर हमारे त्योहारों को मंदिरों में कुछ गिने-चुने प्रतिभागियों के साथ मनाते हैं किन्तु इस विकट परिस्थिति में हमने यहाँ मनाने का निश्चय किया क्योंकि शहर में 12 में से 2 ही पूजा स्थलों पर पूजा की जा सकती है। पंजाब प्रांत में अल्पसंख्यकों की मंत्री शिखा दीप जो एक ख्रीस्तीय हैं उत्सव में भाग लिया तथा कहा कि दुर्भाग्य से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव ने हिन्दूओं के जीवन को यहाँ असुरक्षित कर दिया है। आज उनके त्योहार में भाग लेकर हम उनकी खुशी में शामिल हुए। हमें बहु-संस्कृतिवाद की रक्षा करनी चाहिए। 








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