2016-08-16 14:57:00

करुणा के वर्ष में बेघर लोगों के लिए मकान


उज्जैन, मंगलवार,16 अगस्त 2016 (ऊकान) : संत पापा फ्राँसिस द्वारा दया के वर्ष की घोषणा हेतु धन्यवाद देते हुए भेरुरला वर्मा कहते हैं कि उनकी पत्नी और छह बच्चों को चल रहे मानसून की चिंता नहीं हैं क्योंकि उन्हें उज्जैन की काथलिक कलीसिया द्वारा साधारण किन्तु न चूने वाला मकान मिला है।

51 वर्षीय वर्मा ने ऊका समाचार को बताया, "उज्जैन शहर के बाहरी इलाके पाखोर गाँव में हम दशकों से तिरपाल से ढ़के एक बाँस की झोपड़ी में रहते थे। जुलाई-सितम्बर के मानसून में कई रातें हमने जागकर बिताई थी। अब हम रात को आराम से सो सकते हैं।"

 उज्जैन धर्मप्रांत ने हमें फरवरी महीने में 300 वर्ग फुट जमीन पर, एक सोने का कमरा, रसोई और बैठक कमरों का घर दिया।

दया के जुबली वर्ष में धर्मप्रांत ने 25 परिवारों के लिए नये घर बना कर दिये। 

दया का वर्ष दिसम्बर 2015 से नवम्बर 2016 तक है। इस वर्ष में संत पापा फ्राँसिस ने विश्व के सभी काथलिकों को आध्यात्मिक और शारीरिक दया के कामों को करने हेतु प्रेरित किया है इसमें भूखों को खिलाना और बेघरों को आवास देना भी संलग्न हैं।

उज्जैन के धर्माध्यक्ष सेबास्टियन वादाक्केल ने कहा कि धर्मप्रांत ने बेघरों के लिए घर बनाने की योजना बनाई थी। दया के वर्ष की घोषणा पर हमने सोचा कि इससे अच्छा और कोई दूसरा अवसर नहीं है। धर्मप्रांत में करीब 6 लाख हिन्दुओं के बीच काथलिकों की संख्या 5 हजार है। धर्मप्रांत द्वारा बनाये घरों का 50 प्रतिशत लाभ हिंदूओं को मिला है।

धर्माध्यक्ष सेबास्टियन ने ऊका समाचार से कहा, "ईश्वर के प्रेम जाति, पंथ, धर्म और भाषा मतभेद की बाधाओं को पार कर देता है। इसलिए हम दया के वर्ष में उसके प्रेम को साझा करना चाहते हैं।"

लाभार्थियों में से एक 42 वर्षीय बिन्दा देवी ने कहा,"जब हमें घर का प्रस्ताव मिला तो हमें विश्वास नहीं हो रहा था कि कोई हमें मुफ्त में नया घर दे सकता है। हम काथलिक कलीसिया के आभारी हैं।" 

बिन्दा देवी अपने पति और 3 बच्चों को साथ खादी गाँव में एक झोपड़ी में रहती थी। पानी के अभाव में 2 एकड़ जमीन रहते हुए भी पति की मजदूरी से बहुत कठीनाई से परिवार का खर्चा चलता था।

 परियोजना के समन्वयक फादर जोसेफ वट्टामाट्टम ने कहा, "हमने उन बेघर परिवारों को चुना जिनके पास जमीन है पर गरीबी के कारण घर बनाने में असमर्थ हैं। प्रारंभिक योजना के अनुसार धर्मप्रांत की स्वर्ण जयंती 2019 के लिए मकान बनाने की योजना बनाई गई थी। इस योजना को हम नहीं छोड़ेंगे। अभी भी हम इस पर काम कर रहे हैं।"








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