2016-08-08 16:35:00

संत लौरेंस तीर्थस्थल का महागिरजाघर के रूप में प्रतिष्ठापन


बैंगलोर, सोमवार, 8 अगस्त 2106 (एशियान्यूज़): कर्नाटक के उदूपी धर्मप्रांत स्थित अट्‍टूर के संत लौरेंस तीर्थस्थल के, महागिरजाघर के रूप में प्रतिष्ठापन समारोह पर करीब 15,000 विश्वासियों ने भाग लिया।

1 अगस्त के इस समारोह में कार्डिनल, धर्माध्यक्ष और पुरोहितों ने करीब 200 से अधिक की संख्या में भाग लिया।

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल बेसलिओस क्लेमिस ने कहा, ″यह चमत्कारिक स्थल है तथा यह भविष्य में हज़ारों विश्वासियों को आकर्षित करेगा।

मई महीना में गिरजाघर ग़रीबों के संत लौरेंस को समर्पित किया गया था जिसे अब दिव्य उपासना और संस्कारों के अनुशासन हेतु गठित धर्म संघ की आज्ञप्ति के आधार पर महागिरजाघर में तबदील कर दिया गया है।

मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेशियस ने कहा, ″महागिरजाघर का अनुष्ठान न केवल अट्टूर धर्मप्रांत के लिए गर्व की बात है किन्तु राज्य और समस्त भारत के लिए भी।″

एशियान्यूज़ अनुसार तीर्थस्थल हर साल बहुत सारे ख्रीस्तीयों को अपनी ओर आकर्षित करता है जो यहाँ आकर प्रार्थना करते और संत की मध्यस्थता द्वारा दुवायें मांगते हैं।  

कर्नाटक के एक मंत्री प्रमोद माधवराज ने कहा, ″आज पूरे राज्य के लिए आनन्द का दिन है। संत लौरेंस गिरजाघर न केवल काथलिकों के लिए किन्तु सभी के लिए है। लोग बड़ी संख्या में यहाँ आते हैं क्योंकि यहाँ चमत्कार होता है। वे पवित्र स्थल का दर्शन करते हैं क्योंकि जब वे शांति एवं आशीष की कामना करते हैं तो उनकी प्रार्थना सुनी जाती हैं। मेरी प्रार्थना भी सुनी गयी थी।″ 

समारोह में अपनी उपस्थित देकर कई राजनीतिक नेताओं ने भी तीर्थस्थल को धार्मिक सहिष्णुता का स्थान सिद्ध किया।

बैंगलोर के महाधर्माध्यक्ष बेर्नार्ड मोरास ने महागिरजाघर का अर्थ समझाया कि इसका अर्थ ″'खूबसूरत शाही घर″ है। ख्रीस्तीयों के अनुसार ‘बसीलिका’ शब्द का प्रयोग आरम्भिक ख्रीस्तीय द्वारा राजाओं के महल में ख्रीस्तयाग अर्पित किये जाने पर किया जाता था। उन्होंने बतलाया कि भारत में कुल 21 महागिरजाघर हैं और इस नये महागिरजाघर का स्थान 22वाँ है।








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