2016-08-02 13:10:00

आंध्र प्रदेश में माओवादियों ने यातनाएँ देकर पादरी को मार डाला


भोपाल, मंगलवार, 2 अगस्त 2016 (ऊकान) : माओवादियों ने शनिवार 30 जुलाई को आंध्र प्रदेश के एक प्रोटेस्टेंट पादरी को पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाते हुए यातनाएँ देकर पादरी मार डाला।

प्रोटेस्टेंट संगठन “उत्पीड़न राहत” के प्रमुख पादरी तोमसोन थोमस ने कहा कि पादरी योहन मरिया का शव पूर्वी गोदावरी जिले के एक जंगल में मिला। माओवादियों ने उन्हें शारीरिक यातनाएँ दी और उसका गला काट दिया।

पादरी थोमस ने ऊका समाचार से कहा कि 29 जुलाई की रात को हथियारबंद माओवादी लाचीगुदेम गांव में पादरी मरिया को उनके ही घर से घसीट कर ले गये। उन्होंने पादरी मारिया के भतीजे का भी अपहरण कर लिया था लेकिन चेतावनी देकर 30 जुलाई को उसे छोड़ दिया था।

पादरी मरिया और उसके साथियों को माओवादियों से मौत की धमकी मिली थी क्योंकि वे युवा लोगों को विद्रोहियों द्वारा आयोजित भर्ती शिविरों में जाने से मना करते थे।

पादरी मारिया एक माओवादी नियंत्रित क्षेत्र में काम करते थे जहां विद्रोहियों द्वारा सरकार और पुलिस के विरोध में हिंसक कार्य करने का केंद्र था। विद्रोहियों के अनुसार, वे भूमिहीन गरीबों और किसानों के लिए काम करते हैं उनका दावा है कि सरकार की नीतियाँ गरीबों की मदद करने के बदले उनका शोषण करती है। उनके अनुसार जो भी सरकार की मदद करता है वह उनका दुश्मन है।

“द टाइम्स ओफ इंडिया” समाचार पत्र के एक रिपोर्ट के अनुसार माओवादियों ने पादरी के शव के पास एक पत्र छोड़ दिया था उस पत्र में उन्होंने चेतावनी दी थी कि सभी पुलिस मुखबिरों का यही अंजाम होगा।

मुंबई स्थित एक काथलिक वकील विल्सन नाथन ने कहा कि गरीबों के बीच काम करने वाले ख्रीस्तीयों और पादरियों को भी हिंदू चरम पंथियों की ओर से लगातार हमलों का सामना करना पड़ता है।

कुछ ख्रीस्तीय नेता हैरान थे कि इस बार माओवादियों ने यह कुकृत्य किया है। साधारणतः वे ख्रीस्तीयों पर हमला नहीं करते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि उनका मिशन गरीबों की मदद करना है।








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