2016-08-02 10:46:00

अन्तरराष्ट्रीय मीडिया में सन्त पापा फ्राँसिस की पोलैण्ड यात्रा की गूँज


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 2 अगस्त 2016 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस की पोलैण्ड प्रेरितिक यात्रा पर अन्तरराष्ट्रीय मीडिया में हुई प्रतिक्रियाओं पर वाटिकन के समाचार पत्र लोस्सरवातोरे रोमाने ने एक लेख प्रकाशित किया है।

लेख में कहा गया कि 27 जुलाई से 31 जुलाई तक पोलैण्ड में सम्पन्न सन्त पापा फ्राँसिस की यात्रा से सम्पूर्ण विश्व में शांति एवं एकात्मता के सन्देश की गूँज सुनाई दी है। कहा गया कि विश्व युवा दिवस के परिणामस्वरूप पोलैण्ड और, विशेष रूप से, क्रेकाव ने अपने यौवन की पुनर्खोज की है तथा भलाई के रास्ते पर आगे बढ़ने हेतु उसे नवीन वेग मिला है।

लेख में इस बात के प्रति ध्यान आकर्षित कराया गया कि अन्तरराष्ट्रीय प्रेस में सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा उनकी वापसी यात्रा के दौरान कहे गये शब्द प्रतिध्वनित होते रहे हैं। विशेष रूप से, इस्लाम पर कहे उनके शब्दों को अन्तरराष्ट्रीय मीडिया ने वज़न दिया है। क्रेकाव से रोम तक अपनी वापसी यात्रा के दौरान पत्रकारों से सन्त पापा ने कहा था, "हिंसा और आतंकवाद में इस्लाम की पहचान को ढूँढ़ना उचित नहीं है। "द गार्डियन" समाचार पत्र के एक लेख में कहा गया कि सन्त पापा का यह वाक्य उस वाक्य का सन्दर्भ देता है जिसमें सन्त पापा ने कहा था कि विश्व में अनवरत युद्ध जारी है किन्तु इसे धर्मों का युद्ध नहीं कहा जाना चाहिये। "द गार्डियन" ने प्रकाशित किया कि इसी विश्वास के आधार पर ख्रीस्तीय एवं इस्लाम धर्मानुयायियों के बीच शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है।

इसी प्रकार "न्यू यॉर्क टाईम्स"  तथा "वॉल स्ट्रीट जर्नल ने भी इस्लाम को आतंकवाद एवं हिंसा से न जोड़ने हेतु सन्त पापा की अपील को रेखांकित किया है क्योंकि, न्यू यॉर्क टाईम्स की जोहान्ना बेरेन्ट के अनुसार, "इस प्रकार का रवैया इस्लाम की ग़लत छवि प्रस्तुत करेगा तथा तनावों से पीड़ित विश्व में ख़तरनाक प्रतिक्रियाओं को प्रश्रय देगा।"     

"द गार्डियन", "न्यू यॉर्क टाईम्स" और इसी प्रकार "एल पायेसे" समाचार पत्रों ने युवाओं से की गई सन्त पापा की अपील पर विशेष बल दिया है जिसमें सन्त पापा फ्राँसिस युवाओं से एक ऐसी भ्रातृत्वपूर्ण मानवता की रचना का अनुरोध करते हैं जो सब सीमाओं एवं अवरोधों के परे हो।








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