2016-08-01 16:14:00

संत पापा, मैं नहीं जानता कि मैं पनामा में होऊँगा


वाटिकन रेडियो, 01 अगस्त 2016 (वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने 31वें विश्व युवा दिवस के समापन के बाद युवाओँ से कहा कि मैं नहीं जानता कि मैं पनामा में होऊँगा, लेकिन “निश्चय ही संत पेत्रुस होंगे।”

उन्होंने अपनी पाँच दिवसीय पोलैण्ड यात्रा और युवा दिवस के आयोजकों और स्वयंसेवी दलों का उनके सुन्दर व्यवस्था और अथक परिश्रम हेतु धन्यवाद दिया। संत पापा ने इस दौरान अपने लिखित भाषण को दरकिनार करते हुए युवाओं के साथ तात्कालिक वार्ता करते हुए उनके कई सवालों का उत्तर दिया।  

उन्होंने युवाओं को याद दिलाते हुए कहा कि यदि वे भविष्य में आशावान बने रहने की चाह रखते हैं तो अपने को हमेशा अपने आधारभूत अनुभूतियों से संयुक्त रखें। उन्होंने कहा, “मुझे पूछना चाहिए कि मैं कहां से आता हूँ...मेरे लोगों की यादें, मेरे परिवार की यादें और मेरे इतिहास की यादें...। यादों की राह जहाँ से हम चल कर आगे बढ़ते और प्रौढ़ होते हैं। एक युवा अपनी पुरानी यादों के बिना भविष्य की आशों में खड़ा नहीं रह सकता है।” उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने माता-पिता, दादा-दादी और बुजुर्गों की बातों को ध्यान से सुनें क्योंकि उनकी बातों में अनुभव और ज्ञान का भरा है। 

संत पापा ने कहा कि एक दूसरी आवश्यक बात जो आप के भविष्य को प्रकाशित करेगा और वह है, साहस के साथ वर्तमान में जीना, आप न डरें। उन्होंने कहा दो बातों का जिक्र करते हुए आगे कहा “यादें और साहस ” पनामा में होने वाले युवा दिवस हेतु आप लिए आवश्यक हैं।

उन्होंने कहा, “मैं नहीं जनता कि मैं पनामा में होऊँगा लेकिन मैं निश्चित रुप से कहता हूँ कि पेत्रुस होंगे।”

अंत में उन्होंने कहा, “पेत्रुस आप से पूछेंगे की क्या आप ने अपने दादा-दादियों और परिवार के बड़े जनों से वार्ता की है जिससे आप अपने अतीत को जान सकें। वे आप से पूछेंगे वर्तमान में जीने हेतु क्या आप में साहस और जज़्बा है, वे आप से जानना चाहेंगे कि क्या आप ने अपने भविष्य के लिए बीच बोया है।”








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