2016-07-28 12:44:00

पोलैण्ड के राष्ट्रपति से मुलाकात, शरणार्थियों के स्वागत का आह्वान


क्रेकाव, पोलैण्ड, 28 जुलाई सन् 2016 (सेदोक): पूर्वी यूरोप में अपनी पहली प्रेरितिक यात्रा के आरम्भिक चरण में सन्त पापा फ्राँसिस ने यूरोप से अनुरोध किया कि वह युद्ध, क्षुधा और धार्मिक उत्पीड़न से पलायन करनेवाले शरणार्थियों पर करुणा की दृष्टि रखें तथा साहसपूर्वक उनका स्वागत करें।

ग़ौरतलब है कि पूर्वी यूरोप में हाल के माहों में आप्रवासी विरोधी भावनाएँ सघन हुई हैं, विशेष रूप से, पोलैण्ड में यूक्रेन और रूस से आनेवाले आप्रवासियों के प्रति अधिकारियों का रुख नकारात्मक रहा है। पोलैण्ड में रूढ़िवादी संरक्षी सरकार ने आप्रवासियों के लिये अपने दरवाज़े बन्द कर दिये हैं तथा अनेक लोगों को भय है कि मुसलमान शरणार्थियों का स्वागत करना राष्ट्रीय सुरक्षा एवं देश की काथलिक अस्मिता को ख़तरे में डालना होगा।

पोलैण्ड में बुधवार को अपनी पाँच दिवसीय यात्रा आरम्भ करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने पोलैण्ड के राष्ट्रपति आन्द्केज़ दूदा से क्रेकाव के वावेल कॉम्प्लेक्स में औपचारिक मुलाकात की। इस अवसर पर उपहारों का आदान प्रदान किया गया। राष्ट्रपति के परिजनों और राष्ट्रपति भवन में सेवारत अधिकारियों ने सन्त पापा के साथ तस्वीरें खिंचवाई तथा उनका आशीर्वाद ग्रहण किया।

गोपनीयता की परम्परा को बरकरार रखते हुए सन्त पापा तथा राष्ट्रपति के बीच हुई बातचीत का विवरण नहीं दिया गया किन्तु वाटिकन के प्रवक्ता फादर लोमबारदी ने बताया कि वर्तमान विश्व में व्याप्त असुरक्षा की स्थिति तथा शांति स्थापना हेतु मूल्यों के प्रसार पर बल दिया गया।

स्वागत समारोह के दौरान पोलैण्ड के राष्ट्रपति आन्द्रेज़ दूदा ने सन्त पापा फ्राँसिस को युवाओं के जीवन में एक "समर्थन, एक मार्ग चिन्ह" निरूपित किया। उन्होंने कहा, "विश्व को आज मूल्यों की नितान्त आवश्यकता है और यही सब हमारे सन्त पापा ला रहे हैं। उन्होंने कहा, "सन्त पापा हम सब आपके शब्दों को सुनने के लिये आतुर हैं।"








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