2016-07-21 16:21:00

धर्माध्यक्ष एवं पुरोहितों ने नेत्रदान करने का प्रण किया


ईटानगर, बृहस्पतिवार, 21 जुलाई 2016 (ऊकान): ईटानगर के धर्माध्यक्ष जोन थॉमस ने याजकों के 40 अन्य सदस्यों के साथ नेत्रहीनों के लिए जागरूकता के एक कार्यक्रम के दौरान नेत्र दान करने का प्रण किया।

देश में दृष्टि योजना हेतु कार्यरत क्लारेशियन मिशनरियों ने 20 जुलाई को ईटानगर धर्माध्यक्षीय आवास में एक सभा का आयोजन किया था।  

सभा में दृष्टिहीनता नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम राज्य अधिकारी ताबा खन्ना ने भी भाग लिया था जिसमें दृष्टिहीनता को नियंत्रित करने की आवश्यकता को पूरा करने हेतु नेत्रदान पर चर्चा की गयी थी तथा इस जागरूकता को राज्य में किस तरह फैलाया जाए इस पर विचार किया गया था।

विजन प्रोजेक्ट के संस्थापक पा. जोर्ज कान्नानथानाम ने कहा, ″हमने गिरजाघर, स्कूल, कॉलेज एवं विभिन्न ग़ैरसरकारी संगठनों द्वारा जागरूकता लाने का निश्चय किया है तथा 13 अक्तूबर, विश्व दृष्टि दिवस को, अंधे बनकर जूलुस करने की योजना बनायी है।″  

फादर ने कहा कि यदि गाँवों स्तर पर नेत्र के मध्यस्थ जो बीमार परिवारों एवं नेत्र बैंक के बीच बिचवाई का काम करते हैं उनके द्वारा ही नेत्र दान का कार्यक्रम सफल हो सकता है।

2003 की जनगणना के आधार पर भारत के सभी राज्यों में से अरुणाचल प्रदेश, अंधापन के लिए प्रसार की दर में दूसरे स्थान पर है। यद्यपि वहाँ नेत्र जमा करने के चार केंद्र हैं तथापि एक भी नेत्र दान नहीं किया गया है।  

फादर कान्नानथानाम ने कहा कि कलीसिया नेत्रहीन व्यक्तियों को अपनी सेवा प्रदान कर सकती है। सभा में गुवाहटी सी. आर. आई. के 50 प्रतिभागियों ने नेत्र दान की प्रतिज्ञा की तथा अपने संस्थाओं में भी इसे प्रोत्साहन दिये जाने का निश्चय किया। 








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