2016-07-12 11:11:00

लन्दन सम्मेलन में कार्डिनल साराह के वकतव्य पर फादर लोमबारदी का स्पष्टीकरण


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 12 जुलाई 2016 (सेदोक): वाटिकन में दिव्य भक्ति एवं संस्कार सम्बन्धी परमधर्मपीठीय धर्मसंघ के अध्यक्ष कार्डिनल रॉबर्ट साराह द्वारा पवित्र ख्रीस्तयाग पर लन्दन के सम्मेलन में दिये वकतव्य के बारे में वाटिकन के प्रवक्ता फादर फेदरको लोमबारदी ने कहा है कि कार्डिनल के कुछ वकतव्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है।

विगत दिनों समाचारों में कार्डिनल साराह के वकतव्य पर की गई टिप्पणी पर बोलते हुए सोमवार को फादर फेदरीको लोमबारदी ने कहा कि कार्डिनल साराह आरम्भ ही से पवित्र ख्रीस्तयाग समारोहों के दौरान यूखारिस्त की प्रतिष्ठा को बरकरार रखने पर बल देते रहे हैं किन्तु कुछेक समाचार पत्रों ने विगत दिनों लन्दन में सम्पन्न सम्मेलन में दिये गये उनके वकतव्यों की ग़लत व्याख्या की है।

फादर लोमबारदी ने स्पष्ट किया कि ख्रीस्तयाग सम्बन्धी नियमावली "रोमन मिस्साले" के अनुच्छेद 299 में किसी भी प्रकार का संशोधन नहीं किया गया है। विगत दिनों कुछेक समाचारों में प्रकाशित किया गया था कि ख्रीस्तयाग के लिये वेदी अब पुनः प्राचीन काल के सदृश लोगों के प्रति नहीं अपितु दीवार की तरफ अभिमुख रहेगी। फादर लोमबारदी ने कहा कि "रोमन मिस्साले" के अनुच्छेद 299 में स्पष्ट अंकित है "वेदी दीवार से अलग निर्मित हो ताकि ख्रीस्तयाग अर्पित करनेवाला पुरोहित सरलता से भक्त समुदाय की तरफ अभिमुख हो सके तथा कहीं भी वेदी का निर्माण सहजता से किया जा सके और भक्त समुदाय उसके इर्द-गिर्द एकत्र हो सके। 

फादर लोमबारदी ने कहा कि सन्त पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित दिव्य भक्ति एवं संस्कार सम्बन्धी परमधर्मपीठीय धर्मसंघ के कार्यालय की भेंट के अवसर पर यह स्पष्ट किया था कि सन्त पापा पौल षष्टम् द्वारा घोषित ख्रीस्तयाग सम्बन्धी नियमावली "रोमन मिस्साले" में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाये। अस्तु, फादर लोमबारदी ने कहा, "कार्डिनल साराह के वकतव्य का यह अर्थ कदापि न लगाया जाये कि "रोमल मिस्साले" में संशोधन किया जा रहा था।"








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