2016-07-07 12:57:00

कलीसिया के अधिकारियों ने देखी दलितों को आगे लाने में मोदी की राजनीति


नई दिल्ली, बृहस्तपतिवार, 7 जुलाई 2016 (ऊका समाचार) : कलीसिया के अधिकारियों ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पिछड़ी जाति से, और मंत्रियों को शामिल करने के लिए अपने मंत्रीमंडल में फेरबदल को सामाजिक सरोकार नहीं परंतु अपनी राजनीति को उपर उठाने की एक रणनीति माना है।

दलितों और जन जातियों के लिए भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय कार्यालय के सचीव फादर जेड. देवसहाय राज ने कहा, यदि सरकार दलितों के उत्थान के बारे गंभीर होती तो दो साल पहले ही सत्ता में आने का बाद दलितों को मंत्रीमंडल में शामिल करती।

नरेंद्र मोदी ने 5 जुलाई को अपने मंत्रीमंडल में 10 राज्यो से 19 नये मंत्रियों को शामिल किया है जिनमें 5 दलित, एक सिख और एक मुस्लिम हैं।

भारतीय समाज संस्थान के आदिवासी अध्ययन विभाग के प्रमुख फादर रंजीत तिग्गा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी लोकप्रियता को बढ़ाने तथा पार्टी के लिए दलित वोट सुरक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं।

नये मंत्रियों में से रामदास अत्थावाले को सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण राज्य मंत्री बनाया गया है। उन्होंने ऊका समाचार से कहा, मैं दलितों और समाज के निम्न वर्ग के लोगों हेतु काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूँ।"

फादर राज ने कहा कि दलित समुदाय से आने वाले मंत्री अत्थावाले एक काबिल नेता हैं और उनकी आशा है कि दलित मंत्री आवाजहीनों की आवाज बनें और दलित ख्रीस्तीयों को अधिकार दिलाने में मदद करें।

भारत में 25 लाख दलित ख्रीस्तीय हैं। उन्हें हिन्दू दलितों को प्रदान की जाने वाली सरकारी नौकरियों और शिक्षा कोटा से वंचित रखा गया है क्योंकि ख्रीस्तीय धर्म जाति व्यवस्था को मान्यता नहीं देती है।








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