2016-07-02 15:55:00

एशिया प्रशांत में 35 वर्ष से जेआरएस का मिशन


बैंकाक, शनिवार, 2 जुलाई 2016 (फीदेस समाचार) : येसु समाजी शरणार्थी सेवा (जेआरएस)  द्वारा 35 वर्षों से एशिया–प्रशांत क्षेत्र के 7 देशों ऑस्ट्रेलिया, कंबोडिया, इंडोनेशिया, पापुआ न्यू गिनी, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और पूर्वी तिमोर में शरणार्थियों और विस्थापित व्यक्तियों की सहायता करने में सक्रीय है। और आजतक 3करोड़ 10 लाख से अधिक लोगों की बुनियादी आवश्यकताओं, सामाजिक विकास, शिक्षा और समाज से पुनःजुड़ने में जेआरएस सहायता प्रदान की है।

फीदेस को भेजे पत्रानुसार सन् 1981 में येसु समाजियों के सुपीरियर जेनरल फादर पेद्रो अरुपे ने विशेष रूप से थाईलैंड के शरणार्थियों की जरूरतों के देखते हुए उनकी मदद के लिए धर्मसंघियों और लोकधर्मियों का एक दल भेजा था। जेआरएस ने विशेष रुप से शैक्षिक सेवाओं द्वारा शरणार्थियों की अनिश्चित भविष्य का सामना करने के लिए मदद देना शुरु किया।

जेआरएस का मुख्य उद्देश्य समाज के सबसे कमजोर समुदायों, प्राकृतिक आपदाओं में फसें लोगों, शरणार्थियों व आप्रवासियों को व्यवसायिक प्रशिक्षण और छोटे अनुदान देकर उन्हें आर्थिक रुप से मदद करना है। शहरी शरणार्थियों की गरीबी और बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जेआरएस सहायता समूह, मनोवैज्ञानिक सामाजिक परामर्श सेवाओं और कानूनी सेवाओं का आयोजन करती है।

ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड के शरणार्थियों और शरण चाहने वाले आप्रवासियों को हिरासत में रखे गये केन्द्रों में, चिकित्सा और कानूनी सहायता की व्यवस्था करती है।

थाईलैंड में बर्मी प्रवासियों और शरणार्थियों के लिए प्रशिक्षण सेवाएँ प्रदान की जाती हैं जबकि फिलीपींस और पूर्वी तिमोर में जेआरएस संघर्ष से विस्थापित लोगों के साथ काम करती है। समुदाय में फिर से जुडने का प्रयास करने वालों को सहायता प्रदान करती है।
 








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