2016-06-30 15:47:00

प्रचारकों के लिए करुणा पर संत पापा की धर्मशिक्षा


वाटिकन सिटी, बृस्पतिवार, 30 जून 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 30 जून को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में, प्रचारकों के लिए करुणा की जयन्ती के उपलक्ष्य में अपनी धर्मशिक्षा माला जारी की।

उन्होंने कहा, ″करुणा के जयन्ती वर्ष में हम न केवल ईश्वर की दया के कार्यों पर चिंतन करें किन्तु ख्रीस्तीय जीवन के सहभागी होने के कारण दया के कार्यों के अभ्यास पर भी गौर करें।″ प्रेरित संत याकूब के शब्दों में हम कह सकते हैं कि ठोस कार्य के बिना करुणा मृतप्राय है। करुणा जो जीवित है वह आध्यात्मिक एवं भौतिक हर प्रकार की आवश्यकता को पूरा करने का प्रयास करती है। करुणा के देखने हेतु आँखें हैं, सुनने के कान और सहारा देने हेतु हाथ हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे समृद्ध समाज में ख्रीस्तीयों को हमारे भाई-बहनों के प्रति उदासीनता के प्रलोभन से रक्षा करने की मांग की जाती है। तेजी से बदलती एवं भूमंडलीकृत दुनिया में कई नयी प्रकार की गरीबी दिखाई पड़ रही हैं। जिनका सामना देने हेतु हमें विकास के नये तरीक़ों को अपनाने एवं करुणा के रास्ते पर आगे बढ़ते हुए जरूरतमंद लोगों तक पहुँचने की आवश्यकता है।

संत पापा ने आर्मीनिया में अपनी प्रेरितिक यात्रा की याद कर कहा कि विगत सप्ताह मैंने आर्मीनिया की यात्रा की जो ख्रीस्तीय विश्वास को अपनाने वाला पहला देश है तथा जहाँ के लोग महाबुराई के बावजूद अपने विश्वास में अडिग रहे।

उन्होंने आगामी प्रेरितिक यात्रा की जानकारी देते हुए कहा कि मैं निकट भविष्य में जोर्जिया और अज़रबैजान की यात्रा की योजना बना रहा हूँ ताकि उन देशों में ख्रीस्तीयों के विश्वास की मूल को सुदृढ़ कर सकूँ तथा शांति एवं मेल-मिलाप हेतु सभी का समर्थन कर सकूँ।

संत पापा ने आर्मीनिया में स्वागत किये जाने के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए माता मरियम की मध्यस्थता द्वारा उनके लिए प्रार्थना की कि वे अपने विश्वास में दृढ़ रहकर समाज में महान न्याय एवं शांति के लिए कार्य कर सकें। 








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