2016-06-26 15:17:00

दैवीय धर्मविधि समारोह के उपरांत संत पापा के वक्तव्य


येरेवान, रविवार, 26 जून 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने आर्मीनिया की प्रेरितिक यात्रा के अंतिम दिन 26 जून को एख्टमियादज़िन स्थित संत तीरीदाते के प्राँगण में दैवीय धर्मविधि समारोह के उपरांत आर्मीनिया के विश्वासियों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की तथा ख्रीस्तीय एकता हेतु प्रार्थना की।

उन्होंने कहा, ″तीव्र वांछित इस यात्रा के अंत में, जो मेरे लिए अविस्मरणीय है, धन्यवाद एवं प्रशंसा गान के साथ मैं प्रभु को अपनी कृतज्ञता अर्पित करता हूँ जो इसी वेदी से उठा है।″ संत पापा ने प्राधिधर्माध्यक्ष को धन्यवाद देते हुए कहा कि इन दिनों, उन्होंने अपने घर के द्वार को मेरे लिए खोल दिया तथा हमने अनुभव किया कि यह कितना मनोहर है जब भाई-भाई एकजुट होकर रहते हैं। (स्तोत्र 133:1) हमने भाइयों की तरह एक-दूसरे से मुलाकात की, एक-दूसरे का आलिंगन किया, एक साथ प्रार्थना की तथा उपहारों का आदान-प्रदान किया और ख्रीस्त की कलीसिया के प्रति चिंता एवं आशा की है। हमने उनके एक ही धड़कते हृदय का एहसास किया है तथा हम विश्वास करते हैं कि कलीसिया एक है जैसा कि संत पौलुस कहते हैं, ″एक ही शरीर है और एक आत्मा और हम एक ही आशा के लिए आप लोग बुलाये गये हैं। एक प्रभु हैं, एक विश्वास और एक बपतिस्मा। एक ही ईश्वर हैं जो सब के पिता, सबके ऊपर, सब के साथ और सब में व्याप्त हैं।″(एफे. 4:4-6)

संत पापा ने कहा कि संत पौलुस के इन शब्दों को बड़े आनन्द के साथ, हम अपना शब्द बना सकते हैं। उन्होंने प्रेरितों का स्मरण करते हुए कहा कि संत बारथोलोमियो तथा थदेयुस जिन्होंने सबसे पहले आर्मीनिया की भूमि पर सुसमाचार का प्रचार किया तथा संत पेत्रुस और पौलुस जिन्होंने रोम में प्रभु के लिए अपना जीवन अर्पित किया है वे अब ख्रीस्त के साथ स्वर्ग में विराजमान हैं तथा हमारे प्रेम एवं हमारी एकता देख निश्चय ही प्रफुल्लित हो रहे होंगे। इन सब के लिए मैं प्रभु को धन्यवाद देता हूँ।

इस दैवीय धर्मविधि समारोह के दौरान ईश्वर की परम पवित्रता की घोषणा करते हुए स्तुति गान स्वर्ग की ओर उठे। सर्वोच्च ईश्वर की प्रचुर आशीष पृथ्वी को भर दे। ईश माता मरियम की मध्यस्थता, महान संतों एवं धर्माचार्यों, शहीदों तथा विशेषकर, वे संत घोषित जिन्हें गत वर्ष इसी स्थान पर संत घोषित किये गये हमारे लिए प्रार्थना करें। एकलौते पुत्र येसु जो इस धरा पर आये एकता की हमारी इस यात्रा पर आशीष प्रदान करे। पवित्र आत्मा सभी विश्वासियों को हृदय एवं आत्मा की एकता प्रदान करे। हमें एकता के सूत्र में बांधने हेतु पुनः उतर आ।

संत पापा ने आर्मीनियाई कलीसिया के लिए प्रार्थना की ताकि वह शांति के रास्ते पर आगे बढ़ सके तथा आपसी एकता की पूर्णता प्राप्त कर सके। हमारे हृदयों में एकता की तीव्र अभिलाषा उत्पन्न हो। इस एकता का अर्थ एक-दूसरे के प्रति समर्पण की भावना नहीं किन्तु उन सभी वरदानों को स्वीकार करना है जिन्हें ईश्वर ने एक-दूसरे को प्रदान किया है। यह समस्त संसार के लिए ख्रीस्त के मुक्ति रहस्य को प्रकट करेगा जिसको उन्होंने पवित्र आत्मा देकर पूरा किया है।  

संत पापा ने विश्वासियों से आग्रह किया कि वे संतों की पुकार सुनें, विनम्र तथा दीन जनों, घृणा के शिकार तथा विश्वास के खातिर जीवन अर्पित करने वाले लोगों की आवाज सुनें। युवा पीढ़ी की बातों पर ध्यान दें जो इतिहास में आये विभाजन से मुक्त भविष्य की खोज कर रहे हैं। इस पवित्र स्थल से विश्वास की प्रज्वलित लौ पुनः जगमगा उठे जिसने संत ग्रेगोरी के समय से ही इस धरती को आलोकित किया है, प्रेम, क्षमाशीलता एवं मेल-मिलाप की एक संयुक्त प्रकाश चमके।

जिस प्रकार प्रेरित पास्का की प्रातः बेला में, नई आशा से प्रेरित होकर अपने संदेह और अनिश्चितताओं के बावजूद येसु के कब्र की ओर दौड़े, उसी तरह हम भी इस पवित्र रविवार को पूर्ण एकता हेतु ईश्वर के बुलावे का अनुसरण करें तथा उसी ओर शीघ्रता से आगे बढ़ें।

अंत में संत पापा ने प्राधिधर्माध्यक्ष से अपने और काथलिक कलीसिया पर आशीष की कामना करते हुए पूर्ण एकता के रास्ते पर बढ़ने हेतु आशीष की कामना की।








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