2016-06-22 15:43:00

संत पापा फ्रांसिस की आर्मीनिया यात्रा का संक्षिप्त विवरण, फादर लोम्बार्डी


वाटिकन सिटी, बुधवार 22 जून 2016 (सेदोक) : वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक फादर फेडेरिको लोम्बार्डी ने मंगलवार 21 जून को संत पापा फ्रांसिस की तीन दिवसीय आर्मीनिया यात्रा की जानकारी पत्रकारों को दी। यह यात्रा 24 से 26 जून तक है। उन्होंने कहा कि संत पापा की इच्छा आर्मीनिया की यात्रा द्वारा पूरे देश के लोगों को अपनी निकटता का एहसास कराना है। इन लोगों ने लम्बे समय से कष्ट सहा है और वे शाँति की कामना करते हैं।

उन्होंने कहा कि संत पापा की आर्मीनिया यात्रा उनकी यात्रा का प्रथम चरण है वे काकुस क्षेत्र के तीन देशों की यात्रा करेंगे। दूसरे चरण में संत पापा 30 सितेम्बर  से 2 अक्टूबर तक अजरबैजान और जॉर्जिया की यात्रा करेंगे।

आर्मीनिया की आबादी 3 करोड़ 3 लाख है। लेकिन देश के बाहर रहने वाले अर्मेनियाई मूल निवासियों की संख्या 10 करोड़ है जो रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका में रहते हैं। आर्मीनिया में पूरी अबादी का 9%  लोग काथलिक हैं।

संत पापा की आर्मीनिया यात्रा का उद्देश्य ख्रीस्तीय एकता वर्धकवार्ता है जिसकी शुरुआत उस समय की गई जब अप्रैल 2015 में कैथोलिकोस, कारेकिन द्वितीय और आर्मीनिया के प्राधिधर्माध्यक्ष ने वाटिकन की यात्रा की थी और संत पेत्रुस महागिरजाघर में सन् 1915 ई.  में तुर्क सैनिकों द्वारा आर्मीनियाई नरसंहार के सौ साल पूरा होने पर उनकी यादगारी में ख्रीस्तयाग अर्पित किया था।

आर्मीनिया की यात्रा के दौरान संत पापा देश के दक्षिण में स्थित सितजेरनाकाबरड शहर में एक स्मारक परिसर में तुर्क नरसंहार के दौरान मारे गए लोगों के वंशजों से मिलेंगे।। यह स्मारक “महान बुराई” के रूप में जाना जाता है तुर्क साम्राज्य के सैनिकों द्वारा सन् 1915 और 1923 के बीच 15 लाख आर्मेनियाई मारे गए थे।

फादर लोम्बार्डी ने कहा कि संत पापा की आर्मीनिया यात्रा के दौरान अर्जेंटीना की एक पत्रकार एवानजेलीना हिमिशियन भी उपस्थित रहेंगी। जो संत पापा के दोस्त एवांजेलिकल पादरी की बेटी हैं। पत्रकार के दादा-दादी  तुर्क उत्पीड़न गवाह हैं जिन्हें कुछ तुर्की किसानों ने बचाया था।

आर्मीनिया की यात्रा के दौरान संत पापा के कार्यक्रम में कैथोलिकोस और आर्मीनियाई अपोस्टोलिक कलीसिया के प्रतिनिधियों, धार्मिक अधिकारियों और अन्य नागरिकों के साथ मुलाकात भी शामिल है। संत पापा, आर्मीनिया का दूसरा सबसे बड़ा शहर ग्युमरी में ख्रीस्तयाग अर्पित करेंगे। राजधानी लौटने के पहले ख्रीस्तीय एकता वर्धक बैठक और शांति के लिए प्रार्थना सभा में भाग लेंगे।

यात्रा के अंतिम दिन संत पापा तुर्की की सीमा में स्थित खोर विराप मठ का दौरा करेंगे जहाँ आर्मेनिया में ख्रीस्तीय धर्म के संस्थापक संत ग्रेगोरी प्रकाशक, को कैद किया गया था । यहाँ वे माउंट अराफात की दिशा की ओर कबूतर उड़ाएँगे।








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