2016-06-21 16:17:00

विश्व शरणार्थी दिवस पर जेस्विट शरणार्थी सेवा : “खुले दिमाग, खुली क्षमताएँ ”


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 21 जून (वी आर सेदोक): सोमवार 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस के अवसर पर विश्व ने नई चुनौतियों से जूझने वाले 60 लाख साहसी शरणार्थियों को याद किया है।

प्रत्येक दिन के युद्ध, हिंसा और उत्पीड़न ने हजारों परिवारों को अपने घरों से पलायन करने को मजबूर कर दिया है। उन्होंने एक सुरक्षित भविष्य की उम्मीदों के अलावा सब कुछ पीछे छोड़ दिया है।

अंतरराष्ट्रीय जेस्विट शरणार्थी सेवाकेन्द्र के निदेशक फादर टोम स्मोलिक ने वाटिकन रेडियो के संवाददाता से बातचीत के दौरान सेवा केंद्र के आदर्श वाक्य “खुले दिमाग, खुली क्षमताएँ ” के बारे में बताया कि इस दया के वर्ष में संत पापा द्वारा दया के ठोस कार्यों के आग्रह पर जेस्विट शरणार्थी सेवा शरणार्थियों की शिक्षा और और उनकी वास्तविक जरूरतों पर लोगों का ध्यान केंद्रित करने के लिए आमंत्रित करती है।

फादर टोम ने कहा कि  शिक्षा न केवल एक बुनियादी मानव अधिकार है पर यह शरणार्थियों के लिए एक बुनियादी व कीमती उपकरण है जिसके द्वारा वे समाज को अपना योगदान दे सकते हैं और मानव क्षमता को विकसित करने में सक्षम हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि शरणार्थियों की जरूरतों के लिए दिये गए धनराषि का केवल 2%  ही उनकी शिक्षा के लिए खर्च किया जाता है। "शिक्षा के बिना हम कैसे लोगों को उनके जीवन में सुधार की उम्मीद कर सकते हैं? ”

फादर टोम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय येसु समाजी शरणार्थी सेवा द्वारा वर्ष 2020 तक 100,000 अधिक शरणार्थियों के लिए शैक्षिक सेवाएं प्रदान करने का लक्ष्य है और संत पापा फ्राँसिस द्वारा शरणार्थियों और विस्थापितों के स्वागत करने की बात को लोगों को लगातार याद दिलाना है।

उन्होंने कहा कि जब संत पापा ने पल्लियों और समुदायों से कुछ शरणार्थी परिवारों को स्वीकार करने की असंभव नहीं परंतु संभव बात कही थी। 

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि संत पापा हमें यह याद दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि हर शरणार्थी मेरा भाई है /मेरी बहन है। मेरी तरह वह भी बुनियादी अधिकारों का हकदार है।”

 








All the contents on this site are copyrighted ©.