2016-06-18 16:16:00

मुसलमानों के साथ हिन्दू कैदी भी रमजान के रोज़ा में शामिल


कलकत्ता, शनिवार, 18 जून 2016 (ऊकान): उत्तर प्रदेश स्थित दो कैदखानों में मुसलमानों के पवित्र महीना रमजान के अवसर पर हिन्दू कैदी, मुसलमानों के साथ रोजा में भाग ले रहे हैं जो कि एक सांप्रदायिक हिंसा से ग्रस्त क्षेत्र है।

ऊका समाचार के अनुसार मुजाफ्फरनगर जेल के करीब 100 हिन्दू पुरूष कैदी 1,100 मुसलमान कैदियों के साथ रमजान रोजा में भाग ले रहे हैं जहाँ 2013 में सांप्रदायिक दंगा के कारण 60 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था।

उत्तर प्रदेश के एक अन्य शहर कानपुर का जेल जहाँ हिन्दू एवं मुसलमानों के बीच दर्जनों सांप्रदायिक दंगे हो चुके हैं 350 मुसलमानों के साथ 25 हिन्दू भी उपवास कर रहे हैं। इस जेल में एकात्मकता हेतु 10 महिलाएँ भी रोजा रख रही हैं।

मुज़ाफ्फरनगर जेल के पर्यवेक्षक सतीश त्रिपाठी ने ऊका समाचार से कहा, ″हिन्दू कैदियों द्वारा उपवास किया जाना उनके बीच मजबूत संबंध को दिखलाता है क्योंकि हिन्दू एवं मुसलमानों के बीच घृणा की भावना सामाजिक मानसिकता का एक हिस्सा है जहाँ मुसलमानों को देश में उन आक्रमणकारियों की संतान एवं धर्मांतरित लोगों के रूप में देखा जाता है जिन्होंने उनका धन लूटा था, उनके मंदिरों को नष्ट किया तथा उनके परदादों पर हिंसक आक्रमण किया था।″ 

जेल के एक अन्य अधिकारी विक्रम सिंह ने बताया कि कानपुर जेल में जो हिन्दू कैदी रोजा रख रहे हैं वे मुसलमानों द्वारा नमाज पाठ के दौरान अपनी परम्परागत प्रार्थना करते हैं।

उन्होंने बताया कि जेल में कुछ लोग जो कुख्यात समझे जाते हैं रमजान माह में उनके व्यवहारों में खास सुधार दिखाई पड़ता है।

मुसलमानों का पवित्र महीना रमजान की शुरूआत 6 जून से हुई है जिसमें वे सूर्योदय से सूर्यास्त तक भोजन एवं पेयजल से परहेज करते हैं।

हिन्दू मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक दंगा भारत के इतिहास में बहुत पुराना है।

सामाजिक विश्लेषकों का कहना है कि इस समय भी देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ रहा है तथा भारत में हिन्दूओं एवं मुसलमानों की एक बड़ी संख्या के बीच आपसी मतभेद है। 

उनका यह भी मानना है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है जो संघीय सरकार द्वारा शासित है जिसने उन हिन्दू चरमपंथियों को बल दिया है जो भारत को एक हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहते हैं।

 








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