2016-06-16 16:59:00

संत पापा ने रोको सम्मेलन के प्रतिभागियों से मुलाकात की


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 16 जून 16 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 16 जून को वाटिकन स्थित क्लेमेंटीन सभागार में पूर्वी रीति की कलीसियाओं की मदद करने वाले संगठन (रोको) के सदस्यों से मुलाकात करते हुए, पूर्वी रीति की कलीसिया की आवश्यकताओं पर ध्यान देने एवं उत्साहपूर्ण प्रेरिताई कार्य को पूरा करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। 

‘रोको’ के सदस्य येरूसालेम, लेबनान, सीरिया, ईराक, जॉर्डन तथा यूक्रेन में सेवारत हैं जो कलीसियाओं एवं लोगों के जीवन में सहभागी होते तथा उदारता के ठोस कार्यों द्वारा उन्हें संत पापा के करीब लाते हैं।

संत पापा ने येरूसालेम के पवित्र स्थलों के रख-रखाव हेतु फ्रायर माईनर के सदस्यों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने शताब्दियों से पवित्र भूमि के तीर्थस्थल की देखभाल एवं मरम्मत की है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अधिक उदार लोगों की मदद द्वारा ख्रीस्त के जन्म स्थान एवं कब्रस्थान पर स्थित महागिरजाघरों के मरम्मत का कार्य पूरा हो पायेगा।

संत पापा ने ‘रोको’ के सदस्यों पर भरोसा रखते हुए कहा कि युद्ध, हिंसा तथा अत्याचार जैसे कई समस्याओं के कारण आँसू एवं खून के बावजूद यह अभेद्य एवं तरोताजा प्रतीत होता है।

भारत के केरल स्थित पूर्वी कलीसियाओं, सिरो मालाबार एवं सिरो मलांकरा के सदस्यों के साथ संबंध को सुदृढ़ बनाये रखने की कामना करते हुए संत पापा ने कहा कि उनके साथ संबंध उसी तरह बना रहे जैसा कि यह पहले था, विभाजन की भावना से रहित, सभी के अधिकारों का उचित सम्मान ताकि मुक्तिदाता येसु ख्रीस्त का साक्ष्य देने हेतु एकता को प्रोत्साहन दे सकें।  

उन्होंने कहा कि यह एकता उन सभी क्षेत्रों में आवश्यक है जहाँ विश्व के विभिन्न हिस्सों में लातीनी एवं पूर्वी कलीसियाओं के सदस्य एक साथ रहते हैं, जिन्हें आध्यात्मिक रूप से बलिष्ठ बनाने की आवश्यकता है जिसके लिए पुरोहितों, धर्मसमाजियों तथा प्ररिताई में संलग्न लोगों की युवा पीढ़ी को माध्यम बनाया जा सकता है।

संत पापा ने रोको के सदस्यों से अरमेनिया में अपनी प्रेरितिक यात्रा की सफलता हेतु प्रार्थना का आग्रह किया। 








All the contents on this site are copyrighted ©.