2016-06-14 11:27:00

सीटीबीटी संधि की 20 वीं बरसी पर परमधर्मपीठ का वकतव्य


विएन्ना, मंगलवार, 14 जून 2016 (सेदोक): वाटिकन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि परमाणु हथियारों को नियंत्रण में रखने तथा उनसे उत्पन्न ख़तरों से विश्व की रक्षा के लिये व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी), बहुत परिश्रम से निर्मित, एक महत्वपूर्ण आधारशिला है। 

ऑस्ट्रिया के विएन्ना शहर में, सोमवार, 13 जून को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के सदस्य राष्ट्रों को सम्बोधित कर परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष ऊरबानज़िक ने व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि की बीसवीं वर्षगाँठ के अवसर पर यह बात कही। उन्होंने कहा, "विश्व में परमाणु हथियारों पर नियंत्रण रखना तथा उत्तरोतर इन हथियारों से मुक्त विश्व के निर्माण में प्रगति करना मानव जाति की रक्षा के लिये नितान्त आवश्यक है इसलिये परमधर्मपीठ व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध संधि की बीसवीं बरसी में उपस्थित होने के लिये प्रसन्न है।" 

इस सन्दर्भ में विगत वर्ष संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में कहे गये सन्त पापा फ्राँसिस के शब्दों का स्मरण दिलाते हुए उन्होंने कहा कि सन्त पापा ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की थी कि वह अस्त्र अप्रसार संधि का अनुपालन करते हुए इस प्रकार के हथियारों पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने की दिशा में आगे बढ़े।

सन्त पापा फ्राँसिस के शब्दों को उद्धरित कर उन्होंने कहा, "परस्पर विनाश के ख़तरों पर आधारित आचार और कानून संभवतः सम्पूर्ण मानवजाति के विनाश की ओर ले जायेगा तथा संयुक्त राष्ट्र संघ की संरचना के विरुद्ध होगा जो राष्ट्रों के बीच विश्वास उत्पन्न करने के बजाय भय और अविश्वास को प्रश्रय देगा।" 

महाधर्माध्यक्ष ऊरबानज़िक ने कहा, "उचित राति से 21 वीं शताब्दी की चुनौतियों का सामना करने के लिये यह अनिवार्य है कि हम भय एवं अविश्वास की जगह ज़िम्मेदारी की भावना को प्रोत्साहित करें ताकि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय में विश्वास एवं परस्पर सम्वाद का वातावरण बन सके।

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध (सीटीबीटी) सन्धि अभूतपूर्व तकनीकी एवं वैज्ञानिक प्रगति के लिये लापरवाही से उपयोग में लाये जा रहे पर्यावरण की रक्षा के लिये भी एक महत्वपूर्ण अस्त्र है।








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