2016-06-09 16:06:00

करीतास द्वारा महिलाओं को शिक्षा का अवसर


लाहौर, बृहस्पतिवार, 9 जून 2016 (एशियान्यूज़): ″मेरे घुटने हिल रहे थे जब प्रचारक ने पहली बार संत अंतोनी गिरजाघर में ख्रीस्तयाग के दौरान पाठ पढ़ने को कहा। पहली बार मैं संकोच का अनुभव कर रही थी किन्तु लोगों के सामने बातें करते हुए मुझमें साहस का संचार हुआ।″ यह बात 20 वर्षीय सुमेरा परवेज़ ने एशियान्यूज़ से बातें करते हुए कहीं।

कलीसिया के उदारता संगठन करीतास की लाहौर शाखा द्वारा महिलाओं को मुफ्त में पढ़ने और लिखने की शिक्षा दी जा रही है। महिलाओं को शिक्षा देने हेतु पवित्र बाईबिल को पाठ्य पुस्तक बनाया गया है। इस योजना के तहत अशिक्षित करीब 175 महिलाओं को लिखने और पढ़ने का ज्ञान दिया जा चुका है। 

संयुक्त राष्ट्रसंघ के शिक्षा विभाग की रिपोर्ट अनुसार पाकिस्तान के 42 प्रतिशत लोग अशिक्षित हैं। रिपोर्ट दिखाता है कि शहरों एवं गाँवों के लोगों के बीच शिक्षा के प्रभाव में काफी फर्क है। यहाँ लिंगभेद की भी एक अहम भूमिका है। राष्ट्रीय स्तर पर तीन महिलाओं में से दो पढ़ लिख नहीं सकती तथा 35 प्रतिशत स्कूल नहीं जा सकतीं हैं। 6.7 लाख बच्चों के लिए स्कूल की सुविधा उपलब्ध नहीं है खासकर, बालिकाओं के लिए।

परवेज ने कहा कि उनके पिताजी सख्त़ हैं तथा नारी शिक्षा का विरोध करते हैं। वे उन्हें कहा करते हैं कि इसके द्वारा मन में बुराई का प्रवेश होता है। यही कारण है कि उसकी दो बहनों को पढ़ने और लिखने की अनुमति नहीं मिली जबकि उसके दो भाइयों ने 9वीं एवं 10वीं कक्षा के बाद स्कूल जाना छोड़ दिया है।

परवेज़ ने बतलाया कि एक महिला होने के नाते उसे मात्र घरेलू कामों तक सीमित रहना था किन्तु करीतास ने उसे पढ़ने का अवसर प्रदान किया। उनके साथ अब 35 लड़कियाँ इस अवसर का फायदा उठा रही है। क्लास में पाकिस्तान की राष्ट्रीय भाषा उर्दू, उसके व्याकरण तथा गणित की मौलिक शिक्षा दी जाती है। करीतास द्वारा देश के पाँच विभिन्न जगहों में लोगों को शिक्षा प्रदान की जा रही हैं। 








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