वाटिकन सिटी, सोमवार, 6 जून 2016 (सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में मिस्सा बलिदान अर्पित करते हुए स्तानिस्लास पाकाजेंस्की और मेरी एलिजबेद हेस्सेलबाल्द को संतों का दर्जा दिया।
संत स्तानिस्लास का जन्म सन् 1631 ई. को पोलैण्ड में हुआ था। उनका पुरोहिताभिषेक पियेरिस्ट धर्मसमाज में हुआ लेकिन उन्होंने उसे छोड़कर मरियम का निष्कलंक गर्भधारण धर्मसमाज की स्थापना की। जबकि संत मेरी एलिजबेद हेस्सेलबाल्द का जन्म स्वीडेन में हुआ था जिन्होंने संत ब्रिजिट धर्मसमाज की पुनःस्थापना 20बीं सदी के शुरू में की।
संत पापा ने समारोही धर्म विधि में जमा करीब चालीस हजार लोगों को ख्रीस्तयाग प्रवचन के दौरान संबोधित करते हुए कहा, “येसु के दुःखभोग में हम अपने जीवन की कठिन परिस्थितियों और निराशा का उत्तर पाते हैं।” दोनों संतों के जीवन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा, “हम अपने जीवन के क्रूस से नहीं भाग सकते लेकिन हमें क्रूस के नीचे खड़ा होने की जरूरत है जैसे की माता मरियम ने किया। उन्हें दुःख में सभी आशाओं के विरूद्ध आशावान बने रहने की कृपा मिली।” संत पापा ने कहा, “संत स्तानिस्लास और मरिया एलिजबेद के अनुभव भी यही रहे। वे येसु के दुःखभोग में संयुक्त रहे और इस तरह उनके जीवन में पुनरुत्थान के रहस्य की महिमा प्रकट हुई।”
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