2016-06-06 16:42:00

विनाश के घटकः धन, आडंबर और घमंड


वाटिकन सिटी, सोमवार, 6 जून 2016 (सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार को वाटिकन के प्रार्थनालय में अपने प्रातःकालीन ख्रीस्तयाग के दौरान प्रवचन में कहा कि पर्वत प्रवचन का अनुसरण करें जो हम ख्रीस्तीयों हेतु “मार्ग दर्शक” के समान है।
संत मत्ती के सुसमाचार पर मनन करते हुए संत पापा ने कहा कि येसु ने लोगों को नई शिक्षा दी जो पुरानी शिक्षा को समाप्त नहीं करती लेकिन उसे पूर्णतः तक ले जाती है। “पर्वत प्रवचन हमारे लिए येसु की नई शिक्षा है जिसके द्वारा हम अपने जीवन में आगे बढ़ते हैं।” उन्होने कहा कि तीन चीजें हमें विनाश के पथ पर ले चलती हैं धन के प्रति हमारी आसक्ति, हमारा आडंबर और घमंड। अपने धन के कारण हम किसी और चीज की आवश्यकता महसूस नहीं करते है। आडंबर हमारे जीवन में यह विचार लाता है कि सभी हमारी वाहवाही करें, जो हमें बड़ा बनाता है। यह हममें यह विचार लाता है कि मैं सही हूँ, मैं औरों के सामन नहीं हूँ जो हमें फरीसी और नाकेदार के दृष्टान्त की याद दिलाता है। “मैं धन्यवाद देता हूँ क्योंकि मैं उसके समान नहीं हूँ।” यह रोज दिन के जीवन में हमारे साथ होता है। घमंड के कारण हम अपने आप में हँसते हुए, दूसरों की परवाह नहीं करते और दूसरों को तुच्छ समझते हैं।  
पर्वत प्रवचन में नम्रता का चुनाव करते हुए संत पापा ने कहा, “मैं नहीं कहता कि यही मुख्य हैं लेकिन यह हमें सोचने को प्रेरित करता है, “धन्य हैं वे जो नम्र है।” येसु कहते हैं “मुझ से सीख़ों मैं स्वभाव से नम्र और विनीत हूँ।” यह नम्रता हमें येसु के पास ले आती है लेकिन इसके विपरीत मनोभाव हमारे जीवन में शत्रुता, लड़ाई और बहुत सारी बुराइयों की जड़ बनता है।

 








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