2016-05-26 15:46:00

धर्मों के प्रति सम्मान को प्रोत्साहन देने हेतु एक सेमिनार


लाहौर, बृहस्पतिवार, 26 मई 2016 (एशियान्यूज़): पाकिस्तान में विभिन्न धर्मों के प्रति सम्मान को प्रोत्साहन देने हेतु कई धर्मों के कार्यकर्ताओं ने एक सेमिनार का आयोजन किया।

एशियान्यूज़ के अनुसार सभी धर्मों के प्रति सम्मान की भावना को प्रोत्साहन देने हेतु गठित संगठन ″रवादारी तेहरीक″ की स्थापना के प्रथम वर्षगाँठ पर, लाहौर प्रेस क्लब में 24 मई को सेमिनार आयोजित किया गया था जिसमें कई राजनीतिक, धार्मिक एवं अन्य लोगों ने भी भाग लिया।

सेमिनार के प्रतिभागियों ने देश में झेली जा रही चुनौतियों को प्रस्तुत किया तथा सर्वसम्मति से, शांति की स्थापना और घृणा, आतंकवाद एवं धार्मिक चरमपंथ से लड़ने पर बल दिया।

राष्ट्रीय सुरक्षा योजना की अत्यावश्यकता बतलाते हुए, उन्होंने घृणा एवं जातिवाद की भावना का प्रचार करने वाले भाषणों और पाठ्यपुस्तकों पर प्रतिबंध लगाये जाने की बात कही।

पंजाब के प्रांतीय विधानसभा की एक सदस्य सादिया सोहाईल ने कहा, ″समाज में सर्वव्यापी असहिष्णुता है, इस प्रकार यह राजनीति में है। ईशनिंदा कानून पर बात करना एक निषेध बन गया है।″ उन्होंने कहा कि कई सांसदों ने बतलाया है कि पत्रकारों से बातचीत करते समय उन्हें बड़ी सावधानी करनी पड़ती है।″

लिंग भेदभाव पर उन्होंने कहा कि यह एक अलग मामला है। ″सरकार सत्ता पक्ष में होकर नारी समर्थक बिल के बारे बोलना आसान नहीं है। जब महिला सांसदों द्वारा किसी बात पर विरोध किये जाते हैं तो पुरुष सांसद महिलों को फटकारते हैं क्योंकि वे आरक्षित सीटों पर नियुक्त किये गये हैं।″

रवादारी तेहरीक के अध्यक्ष सालमोन सालामात ने समिनार का उद्घाटन करते हुए सभी नागरिकों का आह्वान किया कि वे ‘जीयो और जीने दो’ के सिद्धांत पर सभी लोगों की संस्कृति, परम्परा, जाति और भाषा का सम्मान करें।

उन्होंने कहा, ″हमारे लोग, खासकर, बच्चे मनोरंजन, सामाजिक भेंट मुलाकात, खेल-कूद और शिक्षा से वंचित किये जा रहे हैं अतः घृणा, आतंकवाद और धर्म के नाम पर हिंसा की संस्कृति का सामना करने हेतु सरकार, राज्य तंत्र, राजनीतिक दल और अन्य अधिकारी लघु तथा दीर्घ नीतियों एवं रणनीतियों को अपनाये।








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