2016-05-20 16:00:00

सच्चाई का पालन दृढ़ता से करें, संत पापा


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 20 मई 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि ईश्वर की सच्चाई का पालन हम दृढ़ता से करें तथा उन लोगों के प्रति सहानुभूति पूर्ण हृदय रखें जो इस समस्या में उलझे हैं। विवाह एक ऐसा संबंध है जिसे ईश्वर जोड़ते हैं अतः इसे कोई नहीं तोड़ सकता।

वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में शुक्रवार को ख्रीस्तयाग प्रवचन में संत पापा ने विवाह संबंध के महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने संत मारकुस रचित सुसमाचार से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जहाँ पति द्वारा पत्नी के परित्याग के सवाल पर येसु फरीसीयों से कहते हैं कि मूसा ने लोगों के हृदय की कठोरता के कारण तलाक का नियम निर्धारित किया ″किन्तु सृष्टि के प्रारम्भ से ही ईश्वर ने उन्हें नर-नारी बनाया इस कारण पुरूष अपने माता-पिता को छोड़ेगा और वे दोनों एक शरीर हो जायेंगे। इस तरह अब वे दो नहीं किन्तु एक ही शरीर बन गये हैं इसलिए जिसे ईश्वर ने जोड़ा है उसे मनुष्य अलग न करे।″

संत पापा ने कहा, ″इस संसार में जहाँ हम निवास करते हैं, परिवर्तनशीलता की संस्कृति है और इस पाप की वास्तविकता बहुत मजबूत है।″  येसु हमें बतलाते हैं कि यह हमारे हृदय की कठोरता के कारण उत्पन्न होता है। विवाह संबंध चूंकि ईश्वर द्वारा जोड़ा जाता है अतः उसको पृथक करना पाप है। जब इस संबंध में कड़वाहट आ जाए तो अलग हो जाना ही एक मात्र समाधान नहीं है बल्कि क्षमा करने, समझने, वार्ता, एक-दूसरे का साथ देने एवं आत्म-जाँच करने जैसे उपायों को अपना कर भी समस्या का हल किया जा सकता है।

येसु हमें शिक्षा देते हैं कि हम ईश्वर की सच्चाई का पालन दृढ़ता से करें तथा उन लोगों के प्रति सहानुभूति पूर्ण हृदय रखें जो इस समस्या में उलझे हैं। उन्होंने कहा कि यह पवित्र आत्मा का कार्य है। हम ईश्वर से कृपा की याचना करें कि वे हमें सच्चाई का दृढ़ता पूर्वक पालन करने की शक्ति प्रदान करें।








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