2016-05-19 15:18:00

धनी जो गरीब का शोषण करता वह उसका खून चूसता है


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 19 मई 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा ने कहा कि जो लोग दूसरों के काम का शोषण कर धनवान बनते हैं वे महापाप करते है। उन्हें इस पाप से क्षमा पाने हेतु बहुत पश्चाताप करने की आवश्यकता है।

वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में बृहस्पतिवार 19 को ख्रीस्तयाग प्रवचन में संत पापा ने उन लोगों की कड़ी आलोचना की जो ग़रीबों का शोषण कर खुद धनी बनने का प्रयास करते हैं।

संत याकुब के पत्र से लिए गये पाठ पर चिंतन करते हुए संत पापा ने कहा, ″धन अपने आप में अच्छा है किन्तु पूर्णतः अच्छा नहीं। संत पापा ने ‘समृद्धि के धर्मशास्त्र’ की निंदा की जिसके अनुसार ईश्वर दिखाता है कि आप सही हैं यदि आप धनी हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई इस सिद्धांत का अनुसरण करता है तो वह गलती कर रहा है। समस्या इस बात में है कि हम धन पर आसक्त हो जाते हैं और यह येसु का अनुसरण करने की हमारी स्वतंत्रता को छीन लेता है।

संत याकुब अपने पत्र में लिखते हैं, ″मजदूरी पुकार रही है और लुनने वालों की दुहाई विश्वमंडल के प्रभु के कानों तक पहुँच गयी है।″  

उन्होंने कहा कि जब धन लोगों के शोषण द्वारा अर्जित किया जाता है तब धनी व्यक्ति लोगों के कार्यों द्वारा उनका शोषण करता है और इसके कारण गरीब गुलाम बन जाता। संत पापा ने शोषण करने वाले लोगों की तुलना जोंक से करते हुए कहा कि आज भी यही स्थिति देखी जा सकती है जब गरीब लोग धनियों द्वारा मूर्ख बनाये जाते और उनकी मजबूरी का गलत फायदा उठाकर धनी अधिक समृद्ध बनता है। उन्होंने काम पर व्यक्ति के शोषण को महापाप करार दिया।

संत पापा ने बुधवार को प्रस्तुत अपनी धर्मशिक्षा माला में लाजरूस और धनी व्यक्ति के चिंतन का स्मरण दिलाते हुए कहा कि धनी व्यक्ति अपनी दुनिया में इतना व्यस्त था कि अपने ही द्वार पर बैठे, भूखे गरीब को नहीं देख पाया। गरीब व्यक्ति भूख के कारण मर गया। धनी व्यक्ति ने गरीब को अनदेखा कर बहुत बुरा किया क्योंकि उसकी उपेक्षा के कारण लाजरूस की मृत्यु हो गयी। उन्होंने कहा कि अपने फायदे के लिए लोगों को काम से बहिष्कृत कर देना भी उतना ही बुरा है। यह महापाप है इसके लिए बहुत अधिक पश्चाताप करने की आवश्यकता है। 

संत पापा ने धनियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यद्यपि वे बहुत अधिक धन जमा कर सकते हैं किन्तु अपने साथ कुछ भी नहीं ले जा सकते।

संत पापा ने आधुनिक समाज में फैली बुराईयों एवं विभिन्न प्रकार के शोषण की याद कर खेद प्रकट करते हुए कहा कि धन अर्जित करने के लिए कई महिलाओं एवं बच्चों को बलत्कार एवं बाल मजदूरी का शिकार बनना पड़ता है। उन्होंने प्रार्थना की कि हम येसु की सादगी को अपनाते हुए बुराइयों का सामना कर सकें। 








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