2016-05-17 11:00:00

मुक्ति सन्देश पाना सबका अधिकार, सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 17 मई 2016 (सेदोक): विश्व मिशन दिवस के उपलक्ष्य में सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि मुक्ति सन्देश पाना सबका अधिकार और प्रत्येक व्यक्ति को मिला ईश्वर का वरदान है।

रविवार को पेन्तेकॉस्त महापर्व पर सन्त पापा फ्राँसिस ने विश्व मिशन दिवस के उपलक्ष्य में अपना वार्षिक सन्देश जारी कर विश्व के काथलिक धर्मानुयायियों का आह्वान किया है कि वे "आद जेन्तेस" अर्थात् लोगों के बीच अपने मिशन पर विशेष चिन्तन करें। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच प्रभु येसु मसीह के सुसमाचार का प्रसार करना दया का महान कार्य है जो करुणा को समर्पित असाधारण जयन्ती वर्ष में और अधिक अर्थपूर्ण बन जाता है।

विश्व मिशनरी दिवस प्रतिवर्ष अक्टूबर माह के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। इसी दिन के उपलक्ष्य में सन्त पापा फ्राँसिस का विशेष सन्देश रविवार को प्रकाशित किया गया। काथलिक मिशनरी दिवस सभी काथलिक धर्मानुयायियों को स्मरण दिलाता है कि विश्व में प्रभु येसु के सुसमाचार का प्रचार कर लोगों के बीच प्रेम, न्याय एवं शांति की स्थापना करना उनका खास मिशन है।

सन्त पापा ने सन्देश में लिखाः "विश्व मिशन रविवार हमारा आह्वान करता है हम मिशनरियों के रूप में विश्व के कोने-कोने जाकर, उदारतापूर्वक, अपनी योग्यताओं के अनुकूल, अपनी प्रज्ञा और अनुभव द्वारा सम्पूर्ण मानव परिवार में प्रभु ईश्वर की अनुपम दया का सन्देश प्रसारित करें।"

उन्होंने कहा, "कलीसिया उन लोगों के प्रति उत्कंठित रहती है जो सुसमाचार को नहीं जानते क्योंकि वह सबकी मुक्ति चाहती तथा सबपर प्रभु के प्रेम एवं अनुकम्पा की मंगलकामना करती है।"

मिशनरी क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका को प्रकाशित कर सन्त पापा ने कहा, "सुसमाचार का सन्देश फैलाने में महिलाओं का योगदान ईश्वर की ममता का अर्थगर्भित संकेत है।"

सन्त पापा ने कहा, "मुक्ति का सन्देश किसी एक जाति की बपौती नहीं वह सभी जातियों एवं संस्कृतियों के लोगों के लिये ईश्वर का अनुपम वरदान है।








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