2016-05-17 15:40:00

भारतीय धर्मबहनों ने अपने अंगों को दान करने का संकल्प लिया


नई दिल्ली, मंगलवार,17 मई 2016 (ऊका समाचार) : उत्तराखंड राज्य में देहरादून के कार्मेल की माता धर्मसमाज की साठ धर्मबहनों ने 11 मई को राज्य के खेल और वन मंत्री दिनेश अग्रवाल के समक्ष अपने अंगों को दान करने हेतु लिए गये अपने संकल्प को प्रस्तुत किया।

धर्मबहन जया पीटर ने ऊका समाचार से कहा, "हम जीवन भर अपने सामाजिक सेवाओं के माध्यम से लोगों की मदद करती आ रही हैं और अब मौत के बाद हमारे अंग जरूरत मंद लोगों के लिए उपयोगी हो सकते हैं। यह करुणा के जुबली वर्ष में हमारा योगदान है।"

उन्होंने कहा कि पिछले महीने केरल में 110 कार्मेल धर्मबहनों ने अपने अंगों को दान देने का संकल्प लिया। देश में कई लोग अंग दान से अवगत नहीं हैं। इसके महत्व के बारे में लोगों को शिक्षित करना जरूरी है।

देश में प्रतिवर्ष 3,000 से अधिक अंगों का प्रत्यारोपण होता है जबकि 1 लाख से अधिक लोगों को अंग प्रत्यारोपण की जरूरत है। भारत में 90 प्रतिशत लोग प्रत्यारोपण के लिए अंग की प्रतीक्षा करते मर जाते हैं।

भारत के काथलिक स्वास्थ्य संघ के निदेशक फादर मैथ्यू अब्राहम ने कहा कि प्रत्यारोपण के लिए अंग की मांग कई कारणों से आपूर्ति की तुलना में अधिक है।

भारत में लोग अपने अंगों को दान करने से हिचकते हैं। वे अभी भी अंग दान के महत्व को नहीं जानते हैं और कैसे अंग दान किया जाता है इसके बारे में लोगों को ज्ञान नहीं है।

काथलिक स्वास्थ्य संघ के सदस्यों द्वारा अंग दान को प्रोत्साहित करने के लिए पूरे भारत में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।








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