2016-05-16 16:25:00

मैं तुम्हें अनाथ नहीं छोड़ूँगा


वाटिकन सिटी, सोमवार, 16 मई 2016 (सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने पेन्तेकोस्त महापर्व के उपलक्ष में, संत पेत्रुस के महागिरजा घर में प्रातकालीन मिस्सा बलिदान का अनुष्ठान करते हुए अपने प्रवचन में कहा कि येसु हमें अनाथ नहीं छोड़ते हैं।

येसु के प्रेरितिक कार्य की प्रकाष्ठा पवित्र आत्मा के वरदानों में पूरी होती है जहाँ हम पिता के साथ एक नये संबंध में प्रेवश करते और उनके बेटे बेटियाँ बनते हैं, जो पाप के कारण टूट गया था जहाँ हमारी स्थिति अनाथ बच्चों जैसी थी।

रोमियों को लिखित संत पौलुस का पत्र कहता है, जो लोग ईश्वर की आत्मा से संचालित हैं, वे सब ईश्वर के पुत्र हैं- आप लोगों को दासों का मनोभाव नहीं मिला, जिस से प्रेरित हो कर आप फिर डरने लगें। आप लोगों को गोद लिये गये पुत्रों का मनोभाव मिला, जिस से प्रेरित होकर हम पुकार कर कहते हैं, अब्बा, हे पिता। (8.15) यहाँ हम अपने नये संबंध को देखते हैं, पवित्र आत्मा और येसु ख्रीस्त के मुक्तिदायी कार्य हेतु धन्यवाद जहाँ ईश्वर का पितातुल्य प्रेम पुनः स्थापित किया गया है।

पवित्र आत्मा हमें पिता की ओर से दिया गया है जो हमें पिता की ओर ले चलता है। मुक्तिविधान का सम्पूर्ण कार्य एक पुनःनिर्माण है, जहाँ हम ईश्वर के पितातुल्य प्रेम, पुत्र और पवित्र आत्मा के उपहार में हमने अनाथ स्थिति से मुक्ति पाई है क्योंकि हम पाप में गिरे हुए थे। हमारे अनाथ होने की कई निशानी है, हमारा आन्तरिक अकेलापन जहाँ हम लोगों से घिरे रहने के बावजूद अकेला अनुभव करते हैं, एक अकेलापन जो हमारे जीवन की स्थाई उदासी बन जाती है। हमारे जीवन में ईश्वर की अनुपस्थिति का अनुभव यद्दपि वे निरन्तर हमारे साथ रहते हैं, प्रार्थनमय जीवन के प्रति हमारी उदासीनता, अनन्त जीवन की सच्चाई को समझ पाने की कठिनाई जो इस धरती पर शुरू होती और मृत्यु द्वारा पूरी होती है, दूसरों को अपने भाई-बहन के रुप में देख पाने की अक्षमता इत्यादि। 

संत पापा ने कहा कि हम सब ईश्वर की संतान हैं यही हमारा डीएनए है। लेकिन हमारा यह पारिवारिक संबंध टूट गया था जिसे पिता को अपने बेटे की बलि चढ़ाकर पुनः स्थापित करना पड़ा। प्रेम का दान जहाँ येसु क्रूस पर मर जाते हैं पवित्र आत्मा सारी मानव जाति हेतु कृपा का एक बृहद स्रोत बन जाता है। वे जो विश्वास में अपने को इस पुनः जन्म के रहस्य में सराबोर करते वे नव-जीवन के अधिकारी बनते हैं।

“मैं तुम्हें अनाथ नहीं छोड़ूँगा”। पेन्तेकोस्त के त्योहार में येसु के ये शब्द हमें माता मरियम के मातृत्व की भी याद दिलाती है जो व्यारी कमरे में उपस्थिति हैं। येसु की माता चेलों से समुदाय के साथ प्रार्थना करती हैं। वे येसु के प्रेम और पवित्र आत्मा की उपस्थिति की सजीव निशानी हैं। वे कलीसिया की माँ हैं। हम उनकी मध्यस्थता माँगते विशेषकर सभी ख्रीस्तीय परिवारों और समुदायों के लिए जिन्हें इस समय पवित्र आत्मा की आवश्यकता है, जो हमारे सहायक, रक्षक और सांत्वना दाता, सच्चाई का आत्मा, स्वतंत्रता और शांति हैं। 

पवित्र आत्मा, संत पौलुस कहते हैं हमें येसु से जोड़ता है। “जिस मनुष्य में मसीह का आत्मा निवास नहीं करता, वह मसीह का नहीं है।” (रोमि.8.9) पवित्र आत्मा येसु से हमारा संबंध मजबूत करता है जिससे हम उनसे संयुक्त रहें और नये भाईचारे की अनुभूति में प्रवेश करें। येसु के साथ विश्वव्यापी भातृत्व में हम एक दूसरे के साथ नये सिरे से संबंध स्थापित करते हैं,  जहाँ हम अनाथों-सा नहीं रहते वरन् करुणामय, अच्छे पिता की संतान बन जाते हैं। यह सारी चीजों को बदल देता है। हम एक दूसरे को भाई-बहन के रूप में देखते हैं जिनकी विभिन्नता हमारी खुशी और आश्चर्य को बढ़ा देती है जिसका आदान-प्रदान हम भ्रातृत्व और पितृत्व के रूप में एक दूसरे से करते हैं। 








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