2016-05-11 10:53:00

महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को रोकने के लिये मानसिकता बदलने का आग्रह


नई दिल्ली, बुधवार, 11 मई 2016 (ऊका समाचार): भारत के काथलिक नेताओं ने महिलाओं के विरुद्ध हिंसा एवं भेदभाव पर रोक लगाने के लिये मानसिकता में बदलाव का आह्वान किया है।

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की महिला समिति की सचिव सि. तालिशा नाडूकुड्डिइल ने कहा, "भारत में अधिकाँश माताएं अपने बाल्याकाल के दौरान भेदभाव का शिकार बनती हैं और जब वे माताएँ बन जाती हैं तब वे भी अपनी बच्चियों के साथ उसी तरह का रवैया अपनाती हैं।"

ऊका समाचार से उन्होंने कहा, "इसके अलावा, भारतीय परिवारों में लड़कों को वरीयता दी जाती है तथा लड़कियों को भेदभाव, हिंसा एवं यौन शोषण का भी शिकार बनना पड़ता है।"

केरल राज्य में 28 अप्रैल को एक 29 वर्षीय दलित महिला के बलात्कार एवं नृशंस हत्या की पृष्ठभूमि में सि. तालिशा ने यह बात कही। पुलिस अभी तक इस अपराध के लिए किसी को भी गिरफ्तार नहीं कर पाई है।

सि. तालिशा ने कहा कि हालांकि भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की महिला समिति देश भर में लिंग जागरूकता कार्यक्रमों द्वारा महिलाओं में चेतना जागरण का प्रयास कर रही है तथापि, "वास्तविक परिवर्तन को परिवारों के भीतर से आना होगा।"

उन्होंने कहा, "लड़कों में लड़कियों के प्रति सम्मान को जागृत करने की नितान्त आवश्यकता है ताकि पितृसत्तात्मक मानसिकता के बहाने लड़कियों एवं महिलाओं को भेदभाव का शिकार न बनाया जाये।"  








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