2016-05-11 14:32:00

न्याय, शांति और पर्यावरण पर कापुचिन धर्मसमाज के कार्य


कोटागिरी, बुधवार, 11 मई 2016 (ऊकान) : तमिलनाडु के कोटागिरी में न्याय, शांति और प्रकृति की अखंडता के लिए कपुचिन अंतर्राष्ट्रीय आयोग (जेपीआईसी) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण सेमिनार में भारत के विभिन्न प्रांतों से आये 21 कापुचिन पुरोहितों ने भाग लिया।

कोटागिरी में 2 से 8 मई तक चल रहे सेमिनार का उद्घाटन  रोम के जेपीआईसी निदेशक तथा केन्या प्रांत के फादर बेनेडिक्ट आयोदी ओ.एफ.एम. कैप ने किया।

फादर आयोदी ने प्रतिभागियों को न्याय, शांति तथा पर्यावरण की देखभाल को अपने व्यक्तिगत जीवन एवं प्रेरितिक कार्यों में सभी स्तरों के लोगों, विशेषकर गरीबों और हाशिए पर जीवन यापन करने वालों के लिए न्याय दिलाने में सक्रिय रूप से शामिल होने का आह्वान किया।

फादर आयोदी ने सेमिनार के दौरान संत पापा फ्रांसिस द्वारा पर्यावरण की देखभाल की मांग के मद्देनजर विभिन्न सत्रों में प्रतिभागियों को दुनिया के विभिन्न देशों में जेपीआईसी की गतिविधियों में लगे कपुचिन पुरोहितों  और अन्य फ्रांसिसकन पुरोहितों से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित किया।

जेपीआईसी के एशियाई प्रतिनिधि फादर याकूब कनी ओएफएम  कैप ने कहा, “न्याय, शांति और पर्यावरण की रक्षा (जेपीआईसी) एक वैकल्पिक बात नहीं है लेकिन हर कापुचिन के जीवन और प्रेरिताई का एक अभिन्न हिस्सा है।” उन्होंने सभी कापुचिनों के लिए जेपीआईसी को प्रशिक्षण प्रणाली का हिस्सा बनाने की जरूरत महसूस की।

अंतरराष्ट्रीय फ्राँसिसकन धर्मसमाजों में कापुचिनों का धर्मसमाज दूसरा सबसे बड़ा समूह है और देश में 15 प्रांतों के दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों में अपने पथप्रदर्शक कार्य के लिए जाना जाता है।








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