2016-05-06 10:05:00

प्रेरक मोतीः सन्त रोज़ वेनेरिनी (1656-1728) (07 मई)


वाटिकन सिटी, 07 मई सन् 2016:

रोज़ वेनेरिनी का जन्म रोम के निकटवर्ती वितेरबो में सन् 1656 ई. में हुआ था। उनके पिता एक चिकित्सक थे। युवावस्था में उनके मंगेत्तर की मृत्यु हो गई थी जिसके कारण उन्होंने वैवाहिक जीवन का परित्याग कर धर्मसंघी जीवन यापन का चयन कर लिया था किन्तु कुछ ही माहों बाद पिता का निधन हो गया तथा रोज़ को अपनी विधवा माँ की देखभाल हेतु घर लौटना पड़ा।

माँ की देखरेख के अतिरिक्त, रोज़, प्रतिदिन सन्ध्या आस-पड़ोस की महिलाओं एवं युवतियों को एकत्र कर रोज़री विनती का पाठ कराया करती तथा धर्मशिक्षा प्रदान किया करती थीं। प्रतिदिन ख्रीस्तयाग में भी वे शामिल होती थीं जिससे उनकी मुलाकात येसु धर्मसमाजी पुरोहित फादर इग्नेशियस मारतिनेल्ली से हुई जो बाद में जाकर उनके आध्यात्मिक गुरु एवं मार्गदर्शक सिद्ध हुए।

रोज़ में शिक्षिका की क्षमता को पहचानकर फादर इग्नेशियस ने उन्हें सलाह दी कि वे मठवासी जीवन के बजाय शिक्षण कार्य को ही अपनी बुलाहट मानें तथा शिक्षा प्रेरिताई द्वारा प्रभु ईश्वर एवं पड़ोसी की सेवा में जुट जायें। फादर इग्नेशियस के मार्गदर्शन में अपनी दो सहेलियों के संग रोज़ ने सन् 1685 ई. में वितेरबो में किशोरियों के लिये एक अनौपचारिक स्कूल की स्थापना की जो शीघ्र ही सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ता गया।

रोज़ एक अच्छी वक्ता, वाद-विवाद में दक्ष तथा एक परिष्कृत शिक्षिका थीं। उनकी मेहनत और लगन फल लाई तथा सन् 1692 ई. में कार्डिनल बारबारिगो ने उन्हें मोन्तेफियासकोने में स्कूल एवं शिक्षकों के लिये प्रशिक्षण केन्द्र खोलने हेतु आमंत्रित किया।

रोज़ की शिक्षा प्रेरिताई को विरोधों का भी सामना करना पड़ा जिसमें कभी कभी स्कूलों एवं शिक्षकों पर अग्नि बाण चलाये जाते थे तथा स्कूल भवनों को नष्ट कर दिया जाता था। तथापि, उन्होंने धैर्यपूर्वक सभी अवरोधों का सामना किया। सन् 1713 ई. में रोज़ ने रोम में शिक्षकों के लिये एक न्यास की स्थापना की जिसके लिये वे तत्कालीन सन्त पापा क्लेमेन्त 11 वें की प्रशंसा पात्र बनी।

07 मई सन् 1728 ई. को रोम में ही रोज़ का निधन हो गया था। सन् 1952 ई. में उनकी मध्यस्थता से हुए चमत्कारों को कलीसिया ने मान्यता दी तथा उन्हें धन्य घोषित कर दिया। शिक्षा प्रेरिताई हेतु उनके द्वारा स्थापित धर्मसंघ को "रोज़ की शिक्षिकाएँ" नाम से जाना जाता है। यह धर्मसंघ इटली तथा अमरीका में अपनी प्रेरिताई का निर्वाह कर रहा है। 03 जून सन् 2007 को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रोज़ को सन्त घोषित किया था। उनका पर्व 07 मई को मनाया जाता है। 

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