2016-05-05 16:02:00

बंधुआ मजदूरी का विरोध, श्रमिकों के लिए प्रार्थना


कोलोम्बो, बृहस्पतिवार, 5 मई 2016 (एशियान्यूज़): श्रीलंका के पोलवत्ता में ख्रीस्तीय श्रमिक संघ (सी. डब्ल्यू. एफ) के सदस्यों ने बंधुआ मजदूरी की प्रथा का विरोध करते हुए, संत मिखाएल गिरजाघर में वेदी के सामने श्रमिकों के औज़ारों को रखकर ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए विश्वभर के श्रमिकों के लिए प्रार्थना की।

श्रमिकों के लिए अर्पित ख्रीस्तीयाग में भाग लेने वालों में से एक ने एशियान्यूज़ से कहा, ″श्रमिकों के लिए अर्पित ख्रीस्तीयाग न केवल एक धार्मिक परम्परा है जिसके द्वारा वे संघर्ष से भागना चाहते हैं किन्तु वे काम करने वालों की कठिनाईयों का सही समाधान पाना चाहते हैं, यही कारण है कि हम उन कठिनाईयों के शिकार लोगों के संघर्ष में सहभागी होते तथा बंधुआ मजदूरी का अन्त करना चाहते हैं।″ उन्होंने कहा कि यूखरिस्त में भाग लेकर उन्होंने विश्व भर के मज़दूरों के लिए प्रार्थना की।

ख्रीस्तयाग 30 अप्रैल को सिंघल, तमिल एवं अंग्रेजी भाषा में अर्पित की गयी जिसमें बहुत से लोगों में हिस्सा लिया। यह परम्परा 1960 ई. से ही चलती आ रही है।

वेदी सेवक राल्सतोन वेनमेन ने एशियान्यूज़ से कहा, ″हम विश्वास करते हैं कि ख्रीस्तयाग ईश राज्य के पूर्वानुमान का प्रतीक है जिसमें कोई वर्ग का भेद नहीं होगा।″ उन्होंने कहा कि समस्त पृथ्वी प्रभु का है हम अपने दैनिक जीवन के कामों द्वारा उनसे मुलाकात कर सकते हैं। 

ख्रीस्तयाग में देश के सिविल युद्ध तथा न्याय के लिए संघर्ष में मार गये लोगों की भी याद की गयी।

फा. मरिमूत्तू सथीवेल ने कहा, ″वर्तमान में कानूनी कार्यवाही के लिए 450 मिलीयन डॉलर खर्च किये गये किन्तु श्रीलंका में अभी भी न्याय का अभाव है विशेषकर, उत्तरी प्रांत में।″ उन्होंने कहा कि श्रमिक तथा अन्य लोग शांति से तभी जा सकते हैं जब देश के पुराने संविधान में नवीनीकरण लाने के बदले एक नया संविधान को अनुमोदन दिया जाए। 








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