2016-05-03 10:21:00

दया की माता को समर्पित धर्मसमाज के प्रतिनिधियों ने की सन्त पापा से मुलाकात


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 3 मई 2016 (सेदोक): दया की माता को समर्पित मरसेडेरियन धर्मसमाज के प्रतिनिधि पुरोहितों, धर्मबन्धुओं एवं धर्मबहनों ने सोमवार को सन्त पापा फ्राँसिस से मुलाकात की। इस अवसर पर सन्त पापा ने उनसे कहा कि वर्तमान युग में उनके करिशमाई कार्यों की नितान्त आवश्यकता है। 

सन्त पीटर निकोलस द्वारा सन् 1218 ई. में पुरोहितों एवं धर्मबन्धुओं के लिये, सन्त अगस्टीन के नियमों के आधार पर, इस धर्मसमाज की स्थापना हुई थी। धर्मसमाज के सदस्य आजीवन प्रार्थना एवं मनन-चिन्तन तथा जोखिम में पड़े लोगों की सेवा को समर्पित रहते हैं। प्रभु ईश्वर में अपने विश्वास को खोनेवालों की प्रेरिताई भी धर्मसमाज का प्रमुख मिशन है।

धर्मसमाज की स्थापना की आठवीँ शताब्दी के उपलक्ष्य में इस समय धर्मसमाजियों की आम सभा जारी है जिसमें विश्व के 17 राष्ट्रों के पुरोहित, धर्मबन्धु एवं धर्मबहनें भाग ले रही हैं।

धर्मसमाजियों को सम्बोधित शब्दों में सोमवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा, "मेरी मंगल आशा है कि इस समय जारी आपकी आम सभा निष्कपट एवं फलप्रद सम्वाद का अवसर सिद्ध हो जो केवल एक महिमामय अतीत बनकर न रहे बल्कि इस पथ पर हुई ग़लतियों, भ्रान्तियों एवं कठिनाइयों का भी अवलोकन करे।"

उन्होंने कहा, "धर्मसमाज का वास्तविक जीवन अनवरत अपने आप को नवीकृत करना होना चाहिये ताकि समसामयिक विश्व की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर उदारतापूर्वक इनका प्रत्युत्तर दिया जा सके।"

दया की माता को समर्पित धर्मसमाज आज विश्व के 17 राष्ट्रों में सेवारत है। विशेष रूप से, सामाजिक, राजनैतिक एवं मनोवैज्ञानिक प्रकार के बन्धनों से जकड़े लोगों को मुक्त करना इनकी प्रेरिताई है। इस धर्मसमाज के सदस्य कारावासों में, अस्पतालों में, मादक पदार्थों की आसक्ति से ग्रस्त लोगों के बीच तथा निर्धनों एवं हाशिये पर जीवन यापन करनेवालों के बीच काम करते हैं।

सन्त पापा ने धर्मसमाजियों को परामर्श दिया कि वे क़ैदियों, धर्म के कारण सताये जा रहे लोगों, मानव तस्करी एवं यौन शोषण के शिकार लोगों के बीच दया के कार्यों द्वारा प्रभु ईश्वर की करुणा को प्रकाशित करें।








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