वाटिकन सिटी, सोमवार, 2 मई 2016 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने रविवार को एक बार फिर सिरिया में शांति की अपील को दुहराया तथा संघर्ष में लिप्त सभी दलों से आग्रह किया कि वे वैमनस्यता को समाप्त कर वार्ताओं के लिये तैयार होवें।
सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में देश विदेश से एकत्र तीर्थयात्रियों के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना करने के उपरान्त सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि वे सिरिया में जारी हिंसा के चक्र से अत्यधिक दुःखी है जो, उन्होंने कहा, "राष्ट्र की दयनीय मानवतावादी स्थिति को और अधिक गम्भीर बना रही है।"
सिरिया के आलेप्पो नगर का उन्होंने विशेष ज़िक्र किया जहाँ प्रतिदिन निर्दोष लोगों की जानें जा रही हैं जिनमें अनेकानेक बच्चे, वृद्ध एवं बीमार लोग शामिल हैं।
इसी अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस ने बच्चों पर होनेवाले सब प्रकार के दुराचारों के विरुद्ध संघर्षरत इटली के "मेत्तेर" संगठन को प्रोत्साहन प्रदान किया। उन्होंने कहा, "इस त्रासदी का अन्त होना चाहिये। बच्चों के विरुद्ध हमें किसी प्रकार के दुराचार को सहन नहीं करना चाहिये। हमें बच्चों की हर प्रकार से सुरक्षा करनी होगी तथा उन लोगों को दण्डित करना होगा जो बच्चों के विरुद्ध दुराचार करते हैं।"
रविवार को ही, अन्तरराष्ट्रीय श्रम दिवस के अवसर पर, सन्त पापा ने समस्त विश्व के श्रमिकों एवं बेरोज़गारों का स्मरण किया तथा कहा कि सभी को प्रतिष्ठापूर्ण जीवन का अधिकार है। करुणा को समर्पित जयन्ती के उपलक्ष्य में रोम में सोमवार से "धारणीय विकास एवं सर्वाधिक कमज़ोर नौकरियाँ" शीर्षक से आरम्भ हो रहे अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन की चर्चा कर सन्त पापा ने इसकी सफलता हेतु प्रार्थना की।
उन्होंने कहा, "मेरी आशा है कि यह सम्मेलन अधिकारियों, राजनीतिज्ञों, व्यापार एवं वित्तीय जगत तथा नागर समाज में चेतना जाग्रत करेगा ताकि श्रम एवं पर्यावरणीय विधान का सम्मान करते हुए मानव मर्यादा को सुरक्षित रखा जा सके।"
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