2016-04-30 15:17:00

दोहरी जिन्दगी न जीयें किन्तु ज्योति पर चलें


वाटिकन सिटी, शनिवार, 30 अप्रैल 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने दोहरी जिन्दगी जीने वालों को चेतावनी दी जो मुखौटा लगाकर बाहर तो अच्छा दिखाते किन्तु जिनके हृदय के भीतर अंधकार है। उन्होंने उनसे अपील की कि वे ज्योति के रास्ते पर चलें तथा अंधकार के पथ पर पाँव न रखें क्योंकि ईश्वर की सच्चाई वहाँ नहीं पायी जा सकती है।

वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में शुक्रवार 29 अप्रैल को ख्रीस्तयाग प्रवचन में संत पापा ने संत योहन के पहले पत्र से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जहाँ योहन ने विश्वासियों को पाप के साथ निरंतर संघर्ष करने तथा पिता के समान पवित्र बनने की सलाह देते हैं।

प्रवचन में संत पापा ने दोहरी जिन्दगी जीने वालों पर संत योहन की चेतावनी पर बल देते हुए कहा, ″यदि आप कहते हैं कि आप प्रभु से संयुक्त हैं तब आप प्रकाश में विचरण करें और संदेह के जीवन का परित्याग करें।″

उन्होंने कहा कि यद्यपि कथनी और करनी में फर्क होने का प्रलोभन हमेशा लगा रहता है और हम जानते हैं कि वह प्रलोभन झूठ का बाप शैतान से आता है। यही कारण है कि ईश्वर हमें कोमलता तथा विनम्रता से व्यवहार करने की शिक्षा देते हैं।

संत पापा ने संत योहन के सम्बोधन पर गौर करते हुए उसे कोमलता प्रकट करने का अच्छा तरीका कहा जिसमें वे विश्वासियों को ‘बच्चो’ कहकर सम्बोधित करते हैं। वे अपने पत्र को पढ़ने वालों से आग्रह करते हैं कि वे पापों में न पड़े तथा जब कोई पाप में गिर जाए तो उसके कारण ठोकर न खायें। 

संत योहन येसु ख्रीस्त के बारे बतलाते हैं कि ″हमारे एक सहायक हैं एक रक्षक जो पिता द्वारा भेजे गये हैं अर्थात् येसु ख्रीस्त। वे हमें न्यायसंगत ठहराते और हमें पापों से क्षमा प्रदान करते।″  

संत पापा ने कहा कि यदि हमने पाप किया है तो हम उन्हीं की ओर देखें जो क्षमा करने के लिए हमारा इंतजार कर रहे हैं क्योंकि वे प्रभु हैं हमारे सभी पापों से महान।   

संत पापा ने विश्वासियों को परामर्श दिया कि ईश्वर दयालु और महान हैं और हम केवल उन्हीं में बल प्राप्त कर सकते हैं। अतः हमें ईश्वर के प्रकाश में विचरण करना चाहिए। अंधकार और झूठ का सहारा कभी नहीं लेना चाहिए। 








All the contents on this site are copyrighted ©.