2016-04-28 15:46:00

मध्यप्रदेश पुलिस ने ख्रीस्तीय विवाह में बाधा डाला


सातना, बृहस्पतिवार, 28 अप्रैल 2016 (एशियान्यूज़): मध्यप्रदेश के सातना स्थित एक गिरजाघर में चल रहे विवाह संस्कार समारोह के दौरान पुलिस ने गिरजाघर पर आक्रमण किया।

पुलिस का आरोप है कि विवाह बलात् तथा धर्मांतरण विरोधी कानून के विरूद्ध है।

घटना 27 अप्रैल को घटी जब बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद की युवा शाखा तथा कोलगाओन पुलिस अधिकारियों ने मिलकर पास्टर तथा नव विवाहितों के माता-पिता समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

एशियान्यूज़ के अनुसार बजरंग दल ने विवाह संस्कार समारोह में भाग ले रहे लोगों पर धार्मिक स्वतंत्रता के हनन एवं बाल-विवाह के आरोप में केस दर्ज किया है।

सातना के प्रमुख पुलिस अधिकारी सीताराम यादव ने कहा, ″नववधू की उम्र दस दिनों के लिए अट्ठारह साल नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि दम्पति ने अधिकारियों को सूचना दिये बिना चार साल पहले ख्रीस्तीय धर्म अपनाया था जो कि एक अपराध है।

भारतीय ईसाइयों के ग्लोबल काउंसिल के अध्यक्ष साजन के. जॉर्ज ने कहा, ″मध्यप्रदेश पुलिस का पूजा स्थल पर बलात्‌ प्रवेश एवं निर्दोष ख्रीस्तीयों को गिरफ्तार करना, धर्मांतरण विरोधी कानून का दुरूपयोग है।″

उन्होंने सार्वजनिक स्थलों में व्यवस्था के उत्तरदायी व्यक्तियों से अपील की है कि इन अतिवादियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए।

साजन जॉर्ज ने कहा कि दुल्हन की उम्र की पुष्टि स्वतंत्र रूप से नहीं की जा सकी किन्तु हिन्दू चरमपंथी नियम का गलत फायदा उठाते हुए उनपर रूपांतरण का आरोप लगा रहे हैं जो लोगों के बीच आपसी सद्भाव और सहिष्णुता के लिए बाधक है।

ख्रीस्तीयों के अनुसार सातना ख्रीस्तीयों के प्रति विरोधभाव के लिए प्रसिद्ध है। विगत अक्तूबर माह में सरना धर्म से ईसाई धर्म अपनाने के विरोध में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उसी तरह 2010 में काथलिक पुरोहित थॉमस चिरातावायालिल पर भी हमला किया गया था।

मध्यप्रदेश में 2011 की जनगणना के अनुसार करीब 9 हजार विवाह ऐसे हैं जो अठारह साल से कम उम्र के लोगों के बीच हुई है जो कुल विवाह का 69 प्रतिशत है।








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