2016-04-26 16:01:00

स्पानी पुरोहित को 38 साल बाद मिली भारतीय नागरिकता


मुंबई, सोमवार 25 अप्रैल 2016 (ऊकान): 90 वर्षीय येसु समाजी फादर गुस्सी फ्रेडरिक सोपेना ने 38 साल के एक लम्बे संघर्ष के बाद 23 अप्रैल को भारतीय नागरिकता प्राप्त की।

मुंबई उपनगरीय जिला जिलाधीश शेखर चान्ने ने कार्यालय में 23 अप्रैल को एक छोटे समारोह के दौरान फादर गुच्ची फ्रेडरिक सोपेना को भारतीय नागरिक होने की घोषणा करते हुए भारतीय नागरिकता के प्रमाण पत्र से सम्मानित किया।

फादर सोपेना ने कहा, "भारत माता की जय। मैं बहुत खुश हूँ कि इस देश में जहाँ मैंने काम किया, मुझे बहुत प्यार मिला और मैंने इतने सारे मित्र बना लिये हैं, एक भारतीय नागरिक के रुप में मेरी कब्र भारत में होगी। "

फादर सोपेना 22 वर्ष की उम्र में स्पेन से सन् 1947 में गरीबों की सेवा करने के लिए भारत आये। उन्होंने  67 वर्षों तक मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगाड और नासिक जिलों में गरीब जरूरतमंदों और बीमार लोगों की सेवा करते हुए ईश्वर के प्रेम का संदेश फैलाया और आम जनता को सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक बनाया। वे हिंदी और मराठी धाराप्रवाह बोलते हैं।

फादर सोपेना ने सन् 1978 में पहली बार भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन पत्र दिया था पर इसे सन्  1978 में खारिज कर दिया गया था। उसने फिर से आवेदन दिया पर वह भी सन् 1988 में खारिज कर दिया गया था ।

फादर सोपेना ने सन्  2012  में एक बार फिर नागरिकता के लिए आवेदन पत्र दिया  लेकिन उनकी फाइल खो गई और उन्हें फिर से सभी औपचारिकताएँ शुरू करनी पड़ी जो अंत में अक्टूबर 2015 में पूरी हुई।

परमाणु विरोधी कार्यकर्ता वैशाली पाटिल ने चार दशकों से अधिक समय तक फादर के साथ काम किया है।  उन्होंने कहा कि फादर सोपेना ने जनहित विकास मंच की स्थापना की तथा महिलाओं के सशक्तिकरण, आदिवासी बच्चों के लिए शिक्षा और भूमिहीन किसानों के कौशल विकास के लिए काम किया है।

फादर सोपेना  फिलहाल अंधेरी में बुज़ुर्ग येसु समाजियों के लिए बने वीणालय  में अन्य येसु समाजियों का साथ रहते  हैं।








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