2016-04-20 13:10:00

रांची: गरीबों और आदिवासियों के लिए एक अस्पताल, "दया का स्मारक"


रांची, बुधवार 20 अप्रैल 2016 (एशिया समाचार):  रांची महाधर्मप्रांत के सहायक धर्माध्यक्ष थिओडोर मैस्करेनहास ने संत पापा फ्रांसिस द्वारा दया की जयंती वर्ष का दौरान हर धर्मप्रांत में दया के ठोस कार्य शुरु करने के आह्वान के प्रतिउत्तर में कहा कि "दया के स्मारक” के रुप में महाधर्मप्रांत के मन्डार में गरीबों और आदिवासियों के लिए मेडिकल कॉलेज और कोन्सटंट लीवन्स अस्पताल के निर्माण की परियोजना है। 400 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में गरीबों और आदिवासियों की अच्छी सेवा की जाएगी।

धर्माध्यक्ष ने धन इकट्ठा करने की कठिनाई पर जोर देते हुए एशिया समाचार से अपील करते हुए कहा, "हम आवश्यक धन जमा करने में लगे हुए हैं कृपया भारत के गरीबों के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाने में आप अपने प्रचार द्वारा हमारी मदद करें।"

धर्माध्यक्ष ने अस्पताल के लिए चुने गये स्थान के बारे में कहा, " झारखंड  पूरे देश का सबसे गरीब क्षेत्र है। ज्यादातर गरीब और अनपढ़ आदिवासी लोग निवास करते हैं और यहाँ  मातृत्व और शिशु मृत्यु दर बहुत अधिक है। "  
 

उन्होंने कहा कि मन्डार में मेडिकल मिशन धर्मबहनों द्वारा संचालित 100 बिस्तरों वाला अस्पताल है इसे धर्मबहनों ने धर्मप्रांत को दान दे दिया है और इसी अस्पताल को मेडिकल कॉलेज और कोन्सटंट लीवन्स अस्पताल के रुप में विकसित किया जाएगा। अस्पताल में ही एक रसोई, एक चिकित्सा अनुसंधान विभाग,  आणविक जीव विज्ञान के साथ-साथ एक और पैथोलॉजी विभाग

एक फार्मेसी, रक्ताधान के लिए एक प्रयोगशाला और कर्मचारियों के लिए एक छात्रावास शामिल होंगे। स्वास्थ्य सुविधा के लिए वहाँ भी एक मेडिकल कॉलेज और एक नर्सिंग स्कूल होगा।  








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