2016-04-19 11:55:00

सन्त पापा की लेस्बोस यात्रा करती है मुसलमान शासकों के पाखण्ड का पर्दाफाश


वाराणसी, मंगलवार, 19 अप्रैल 2016 (एशियान्यूज़): वारणसी की एक मानवाधिकार संस्था पीपल्स विज़िलेन्स कमिटी के कार्यकर्त्ता लेनिन रघुवंशी ने कहा है कि सन्त पापा फ्राँसिस, विश्व में, विविधता एवं बहुलता के सर्वाधिक शक्तिशाली एवं विनीत समर्थक हैं।

शनिवार को शरणार्थियों की स्थिति का जायज़ा लेने हेतु ग्रीस के लेस्बोस द्वीप में सन्त पापा फ्राँसिस की यात्रा पर टीका करते हुए मानवाधिकार कार्यकर्त्ता रघुवंशी ने कहा कि सन्त पापा की ग्रीस यात्रा मध्यपूर्व के मुसलमान नेताओं के पाखण्ड को दर्शाती है।

लेस्बोस में शरणार्थियों की भेंट कर सन्त पापा ने आप्रवासियों एवं शरणार्थियों की वर्तमान स्थिति को "द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का सर्वाधिक गम्भीर मानवतावादी संकट" निरूपित किया था।

श्री रघुवंशी ने कहा, "सन्त पापा की लेस्बोस यात्रा ने मध्यपूर्व के राजनैतिक नेताओं के पाखण्ड को उजागर कर दिया है जहाँ तेल व्यापार, सत्ता एवं धन केवल कुछेक हाथों में केन्द्रित है।"  

उन्होंने कहा, "साऊदी अरब एवं संयुक्त अरब अमीरात के शासक धनाढ्य होते जा रहे हैं तथा मध्यपूर्व में जीवन यापन करनेवाले अपने मुसलमान भाइयों एवं बहनों की पीड़ा के प्रति बिलकुल बेफ्रिक हैं।" इस प्रकार, उन्होंने कहा, "आप्रवासियों एवं शरणार्थियों की त्रासदिक स्थिति मध्यपूर्व के लोगों के प्रति मुसलमान नेताओं की "फासीवादी राजनीति" का पर्दाफाश करती है। मुसलमान नेता अपने लोगों की निपट निर्धनता तथा दयनीय स्थिति के प्रति बिलकुल उदासीन हैं, वे उन तानाशाहों के सदृश हैं जो धर्म को अपना कहते तथा धार्मिक नेता होने का दम्भ भरते हैं।"

मानवाधिकार कार्यकर्त्ता रघुवंशी ने कहा कि विश्व के करोड़ों काथलिकों के धर्मगुरु होने के नाते सन्त पापा फ्राँसिस ने मुसलमान जगत के प्रति यथार्थ और सकारात्मक कदम उठाया है जिसका अनुसरण अन्यों द्वारा भी किया जाना चाहिये।








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