2016-04-19 11:46:00

रोम के शरणार्थी केन्द्र अस्ताल्ली को सन्त पापा ने भेजा विडियो सन्देश


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 19 अप्रैल 2016 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने रोम स्थित शरणार्थी केन्द्र अस्ताल्ली की स्थापना की 35 वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में एक विडियो सन्देश प्रेषित कर शरणार्थियों को सेवाएँ अर्पित कर रहे लोगों के कार्यों की सराहना की।

मंगलवार को प्रेषित सन्देश में प्रभु येसु ख्रीस्त के शब्दों को उद्धृत कर उन्होंने कहा, "मैं अजनबी था और तुमने मेरा स्वागत किया।" सन्त पापा ने कहा कि शरण की याचना करनेवाले प्रत्येक व्यक्ति का चेहरा ईश्वर का ही मुखमण्डल है, वह येसु ख्रीस्त की देह है।

शरणार्थियों को सम्बोधित कर सन्त पापा ने कहा, "आपकी पीड़ा हम सबको याद दिलाती है कि इस धरती पर हम सब अजनबी और तीर्थयात्री हैं जिन्हें किसी न किसी ने, हमारे किसी श्रेय के बिना ही, आतिथ्य प्रदान किया है। आपके समान जो लोग दमनचक्र, युद्ध, निर्वनीकरण अथवा धरती के संसाधनों के अन्यायपूर्ण वितरण के कारण अपने घरों से पलायन कर चुके हैं वे सबके सब हमारे भाई हैं जिन्हें हमें अपनी रोटी, अपने मकान एवं अपने जीवन में सहभागी बनाना है।"

सन्त पापा ने कहा, "कई बार हम स्वागत करने में असमर्थ रहे, जिसके लिये क्षमा प्रार्थी हैं, अपने समाजों की उदासीनता और उपेक्षभाव के लिये हम क्षमा चाहते हैं। शरणार्थियों को एक बोझ, एक समस्या, एक आर्थिक समस्या समझा जाता है जबकि आप एक वरदान हैं जिनके द्वारा प्रभु ईश्वर हमें दया और करुणा दर्शाने का मौका देते हैं।"  

रोम के अस्ताल्ली शरणार्थी केन्द्र द्वारा विगत 35 वर्षों से शरणार्थियों का स्वागत किये जाने की उन्होंने सराहना की तथा यहाँ कार्यरत समस्त येसुधर्मसमाजी पुरोहितों, स्वयंसेवकों एवं मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं के प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित कर, साहस के साथ, अपने इस नेक काम को जारी रखने हेतु प्रोत्साहन प्रदान किया।








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