2016-04-14 16:27:00

पवित्र आत्मा के प्रति आज्ञाकारिता में ही कलीसिया का विकास


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 14 अप्रैल 2016 (वीआर सेदोक):  संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि हमें पवित्र आत्मा के प्रति आज्ञाकारी होना चाहिए।

वाटिकन के प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में 14 अप्रैल को ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए संत पापा ने पवित्र आत्मा के प्रति उदार बनने पर जोर दिया। उन्होंने उन लोगों को चेतावनी दी जो नियमों में निष्ठा के कारण पवित्र आत्मा के प्रति प्रतिरोध को न्यायसंगत ठहराते हैं।

प्रवचन में संत पापा ने प्रेरित चरित से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जहाँ फिलीप पवित्र आत्मा की प्रेरणा से एक इथोपियाई खोजा को बपतिस्मा प्रदान करते हैं।

संत पापा ने कहा कि इस घटना में न तो फिलीप और न ही खोजे की किन्तु पवित्र आत्मा की भूमिका महत्वपूर्ण है। पवित्र आत्मा ही कलीसिया की उत्पति करता तथा उसे बढ़ाता है।

संत पापा ने पवित्र आत्मा की अनुपस्थिति में शिष्यों की मूर्खता तथा बंद हृदय को प्रस्तुत किया, साथ ही दूसरी ओर पवित्र आत्मा के अद्भुत कार्यों को प्रकट किया जिसने पेत्रुस को चंगा करने एवं स्तेफन को साहस के साथ साक्ष्य देने का सामर्थ्य प्रदान किया।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपने में बंद रहकर पवित्र आत्मा के कार्यों को अनदेखा करते हैं। वे नियमों के अक्षरशः पालन को न्यायसंगत ठहराते हैं। 

संत पापा ने कहा कि आज के पाठ पवित्र आत्मा के प्रति प्रतिरोध नहीं बनने किन्तु उसके प्रति उदार बनने का आह्वान करती है, जो वास्तव में, एक ख्रीस्तीय धर्मानुयायी का मनोभाव है। पवित्र आत्मा के प्रति उदारता कार्यों को सम्भव बनाता तथा कलीसिया का निर्माण करता है। धर्माध्यक्षों के समान फिलीप की भी कई योजनाएँ रही होंगी किन्तु पवित्र आत्मा की प्रेरणा पर उन्होंने सब कुछ को दरकिनार कर इथोपियाई खोजे को बपतिस्मा दिया।

संत पापा ने पवित्र आत्मा के प्रति आज्ञाकारी बनने हेतु कृपा की याचना करने का परामर्श दिया।








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