2016-04-05 14:44:00

दावाओ में हुई हिंसा की फिलीपींस की कलीसिया ने की कड़ी निंदा


दावाओ में हुई हिंसा की फिलीपींस की कलीसिया ने की कड़ी निंदा

मनिला, मंगलवार अप्रैल 2016 (एशिया न्यूज): "एक व्यक्ति की मौत हमेशा एक दुःखद घटना है, लेकिन यह और भी दुःखद हो जाती है जब निर्दोष और गरीब इसके शिकार बनते हैं जो ईश्वर की आँखों का तारे हैं। हम किदापावन के हमारे किसानों के लिए प्रार्थना करते हैं कि उन्हें शांति मिले। और हम उनके परिवारों से अनुरोध करते हैं: बदला लेने की चेष्टा नहीं करें बल्कि बातचीत करके हल निकालें।" ये बातें फिलिपिनो धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष सुकरात विलेगास ने दावाओ क्षेत्र में किसानों और पुलिस के बीच हिंसक संघर्ष के बाद कही।

दिनों से चल रहे 6 हजार किसानों के विरोध और प्रदर्शनों के बाद 1 अप्रैल को हिंसा भड़क उठी। अधिकांशतः लूमाद जनजाति के इन लोगों ने भाग एल नीनो के बाद पड़े सूखे के विरुद्ध सरकार से निर्णायक कार्रवाई की मांग की थी तथा अधिकारियों पर किसानों के निर्धारित राशि को किसी अन्य काम में लगाने का आरोप लगाया था। जवाबी कार्यवाई में दंगाई पुलिस के अनेक विभागों को तैनात किया गया था । हिंसा में दो लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गये हैं।

हिंसा की निंदा करते हुए धर्माध्यक्ष विलेगास ने कहा कि पुलिस और सेना देश में शांति बनाए रखने के लिए कार्य करें साथ ही कमजोरों की रक्षा और न्याय की सेवा करें। एक मिशनरी फादर पीटर जेरेमिया ने पुष्टि की है कि कई दर्जन किसानों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने जेल में उन किसानों से मुलाकात की।

मनीला के मुक्तिदाता पुरोहितों ने इस प्रकरण की कठोर निंदा की है, एक बयान में वे लिखते हैं: "ये आपराधिक कृत्य अस्वीकार्य हैं आप भूखों के लिए केवल एक विकल्प “शिकायत करना बंद करो और घर जाओ” की पेशकश नहीं कर सकते। पुलिस बल उन के अधिकारों की रक्षा की मांग का जवाब हत्या द्वारा दे, यह असमर्थनीय है।"








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