2016-03-31 16:59:00

वाटिकन द्वारा शांति निर्माण हेतु महिलाओं की भूमिका को मान्यता देने का आग्रह


न्यूयॉक, बृहस्पतिवार, 31 मार्च 2016 (वीआर अंग्रजी): अमरीका के लिए वाटिकन के स्थायी पर्यवेक्षक ने उन महिलाओं के प्रति ‘विशेष श्रद्धा’ अर्पित की जिन्होंने अपनी निःस्वार्थ सेवा, लम्बे समय से शिक्षण, स्वास्थ्य तथा युवाओं के चरित्र निर्माण आदि कार्यों द्वारा लाखों लोगों के जीवन में गहरी छाप छोड़ी है।  

28 मार्च को आयोजित महिलाओं पर खुले विवाद में महाधर्माध्यक्ष बेर्नादितो औजा ने अपने सम्बोधन में कहा, ″अफ्रीका में संघर्षों के रोकथाम में महिलाओं की भूमिका यहाँ तक कि विकट परिस्थितियोँ में भी बहादुरी, स्थिरता और समर्पण के कारण विशिष्ट रही है।″

महिलाएँ एवं लड़कियाँ जो संघर्षों के दौरान बहुधा बलत्कार तथा अन्य तरह की हिंसा की शिकार होती रही हैं वे अपने लिए सुरक्षा तथा समझदारी ऐसे संस्थाओं में अधिक प्राप्त कर रही हैं जो महिलाओं द्वारा संचालित हैं।

महाधर्मध्यक्ष औजा ने कृतज्ञता एवं दुःख के साथ यमन में शहीद चार मिशनरीस ऑफ चैरिटी की धर्मबहनों की याद की जिन्होंने गरीबों की सेवा हेतु अपनी कुर्बानी दी।

उन्होंने कहा, ″अपना जीवन उन्होंने गरीबों एवं वयोवृद्धों के लिए अर्पित किया और उनके साथ दर्जनों महिलाएँ भी मृत्यु की शिकार हुईं।″ 

वाटिकन पर्यवेक्षक ने जागरूकता लाने तथा संघर्ष रोकने एवं शांति स्थापना हेतु महिलाओं की भूमिका को मान्यता दिलाने हेतु संयुक्त राष्ट्रसंघ से अपील की। 

उन्होंने कहा कि लोगों को शिक्षा देने में महिलाओं को विशेष वरदान प्राप्त है वे अधिक ग्रहणशील और उनके आसपास दूसरों की ज़रूरतों के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं उससे भी बढ़कर इन क्षेत्रों में उनका योगदान, संघर्ष रोकने तथा संघर्ष समाप्त होने के बाद मेल-मिलाप स्थापित करने का रहा है।

महाधर्माध्यक्ष ने महिलाओं की रक्षा हेतु जिम्मेदारी की याद दिलाते हुए सभा को सम्बोधित कर कहा कि महिलाओं एवं लड़कियों को बर्बर कृत्यों से बचाने का काम हम प्रत्येक का है सभी सरकारों और विशेषकर, इस सभा का।








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