2016-03-31 15:42:00

मुझे ईश्वर में विश्वास है : मैथ्यू उज़्झुन्नालिल


बंगलोर, बृहस्तपतिवार, 31 मार्च 2016 (ऊकान): फादर थॉमस के बड़े भाई  73 वर्षीय मैथ्यू ने छोटे भाई के क्रूस पर चढ़ाये जाने की अफवाह पर, 28 मार्च को राष्ट्रीय काथलिक रजिस्टर को बताया कि ईश्वर की सहमति के बिना कुछ नहीं होगा, जबकि भारत के काथलिक धर्माध्यक्षों ने फादर थॉमस उज़्झुन्नालिल पर उड़ी अपुष्ट अफ़वाहों की कड़ी निंदा की है।

मैथ्यू ने जैसे ही छोटे भाई फादर थॉमस के अपहरण की खबर सुनी, वे गुजरात के वडोदरा से अपने पैतृक घर केरल के रामापुरम पहुंचे। सालों से बंद घर में कोई टीवी या रेडियो नहीं होने के कारण मैथ्यू शोसल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों द्वारा दिये गये भाई के अफवाहों से कम ही अवगत थे।

यह पूछे जाने पर कि, इस मुश्किल समय का सामना किस प्रकार कर रहे हैं, मैथ्यू ने कहा, "मुझे ईश्वर में विश्वास है, उनकी जानकारी के बिना  कुछ नहीं होगा।" उन्होंने इतालवी तपस्विनी मरिया वालतोरता की किताब "मानव-ईश्वर की कविता" को दिखाते हुए कहा, " मैं वर्षों से धार्मिक किताबें पढ़ता हूँ। बीते तीन सप्ताह से इस घर में अकेले मैंने ज्यादातर समय प्रार्थना में बिताया है। "

मैथ्यू ने बताया कि युद्धग्रस्त यमन में 14 साल पुरोहिताई सेवा के बाद, फादर थॉमस बैंगलोर लौटे थे। लेकिन हाल ही में उन्हें वापस यमन लौटना पड़ा क्योंकि अपने स्थान पर आये सलेसियन सहयोगी को मदर तेरेसा की धर्मबहनों द्वारा संचालित एक नर्सिग होम में रहने के लिए आवश्यक वीजा नहीं मिला।

उन्होंने कहा, "माँ की मृत्यु के समय फादर थॉमस हमारे साथ थे। वे बहुत ही धीर और शांत स्वभाव के व्यक्ति है। एक बार उन्होंने गोलियों से हताहत हुई इमारतों की तस्वीरें दिखाई थी।"

विदित हो कि यमन के एडेन शहर में 4 मार्च को संदिग्ध इस्लामी आतंकवादियों ने मदर तेरेसा की धर्मबहनों द्वारा संचालित एक नर्सिग होम से 56 वर्षीय फादर थॉमस उज़्झुन्नालिल का अपहरण कर लिया था। सोशल मीडिया में उड़ी अफ़वाहों के अनुसार, फादर थॉमस को कड़ी यातनाएँ देकर गुड फ्राईडे के दिन मार डाला गया। 








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