2016-03-31 17:13:00

ख्रीस्तीय नेताओं ने चरमपंथियों के विरूद्ध खड़े होने की अपील की


ढाका, बृहस्पतिवार, 31 मार्च 2106 (ऊकान): पाकिस्तान के लाहौर में आत्मघाती बम विस्फोट के मद्देऩजर एशिया के काथलिक धर्मगुरूओं ने मुसलमानों से अपील की है कि वे इस्लामिक स्टेट के चरमपंथियों के विरूद्ध खड़े हों तथा मेल-मिलाप, क्षमा और धर्म के सही विश्लेषण हेतु आगे आयें।

बंगलादेशी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के न्याय एवं शांति समिति के अध्यक्ष, धर्माध्यक्ष गेरवास रोजारियो ने ऊका समाचार से कहा, ″आक्रमण गुमराह लोगों के एक दल द्वारा धर्म के ग़लत विश्लेषण की वजह से हुआ है जो अपने निहित स्वार्थ के कारण धर्म का दुरुपयोग कर रहे हैं।″

विदित हो कि लाहौर के एक पार्क में रविवार को हुए जबरदस्त बम धमाके में 72 लोगों की मौत हो गयी तथा करीब 300 लोग घायल हो गये थे। पाकिस्तान तालिबान से अलग हुए एक गुट जमात-उल-अहरार ने हमले की ज़िम्मेदारी ली थी और कहा था कि 'जान-बूझकर ईसाई समुदाय को निशाना बनाया गया।'

यह आक्रमण इस्लामिक स्टेट द्वारा बेल्जियम में हुए हमले के कुछ ही दिनों बाद हुआ जिसमें 35 लोग मारे गये थे।

मुस्लिम बहुल राष्ट्र बंगलादेश एक समय पाकिस्तान का हिस्सा था, वहाँ चरमपंथियों के कई आक्रमण हो चुके हैं इस प्रकार ख्रीस्तीयों सहित अन्य अल्पसंख्यकों के बीच दहशत फैला हुआ है। 

हाल में, एक हिन्दू पुजारी, शिया पुरोहित तथा नवदिक्षित ख्रीस्तीय को इस्लामिक स्टेट ने अगवा कर लिया था जबकि एक काथलिक पुरोहित तथा प्रोटेस्टंट पास्टर के अपहरण का प्रयास किया था।

धर्माध्यक्ष रोज़ारियो ने कहा, ″यूरोप से एशिया तक चरमपंथियों के भय और आक्रमण से कोई सुरक्षित नहीं है और न ही बंगलादेश जहाँ अधिकतर मुसलमान शांति से रह रहे हैं किन्तु अल्पसंख्यकों पर कई मायनों में हमला जारी है और लाहौर की तरह एक भीषण हमले की संभावनाओं को खारिज नहीं किया जा सकता। "

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अथवा बंगलादेश की सरकार को, तब तक चरमपंथियों के खिलाफ कर्रवाई करना सम्भव नहीं है जब तक कि देश की एक बड़ी जनता इसके निराकरण में अपना सहयोग न दे। बहुत सारे अच्छे मुसलमान हैं उन्हें चरमपंथियों के विरूद्ध संघर्ष में सरकार की मदद करनी चाहिए।

ढाका के इमाम मुफ्ती एनुल इस्लाम ने कहा कि धर्म के नाम पर किसी तरह का आक्रमण, वह जो भी स्तर का क्यों न हो, ग़ैरइस्लामी है।

उन्होंने कहा, ″जो लोग इस तरह के आक्रमण को अंजाम दे रहे हैं वे भ्रांतचित हैं तथा गुमराह हो चुके हैं और उनके कार्य बिलकुल अस्वीकार्य एवं निंदनीय हैं।″ जो लोग धर्म के नाम पर हिंसा को आश्रय देते, वे मूर्ख हैं तथा कुरान की शिक्षा से अनभिज्ञ।

भोपाल के महाधर्माध्यक्ष लेओ कोर्नेलियो ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि शांति प्रिय ख्रीस्तीय समुदाय हमेशा उनके निशाने पर रहती है क्योंकि वह हिंसक प्रतिक्रिया नहीं अपनाती।

उन्होंने कहा कि जब कलीसिया करुणा के जयन्ती वर्ष में है हम आक्रमणकारियों पर ईश्वर की क्षमाशीलता की कामना करते हैं। 








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