नई दिल्ली, मंगलवार, 22 मार्च 2016 (ऊकान) भारत और पाकिस्तान के मुस्लिम मौलवियों के एक दल ने विश्व सूफी सम्मेलन में कहा कि अगर दो परंपरागत प्रतिद्वंद्वी पड़ोसी देश एक दूसरे का सम्मान करते हुए धार्मिक उग्रवाद का मुकाबला करें तो दक्षिण एशिया में आतंकवाद का सफलतापूर्वक मुकाबला किया जा सकता है।
पाकिस्तान के मौलवी ताहिर उल कादरी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “ भारत और पाकिस्तान के बीच 4 जंग लड़ी जा चुकी है पर दोनों देशों को कुछ हासिल नहीं हुआ ।”
उन्होंने कहा," भारत का दुश्मन पाकिस्तान नहीं है और न ही पाकिस्तान का दुश्मन भारत, पर आतंकवाद ही दोनों देशों का दुश्मन है।"
नई दिल्ली में आयोजित चार दिवसीय विश्व सूफी सम्मेलन का समापन 20 मार्च को हुआ। सूफी आंदोलन इस्लामी रहस्यवाद की एक शाखा है जो हिंदू और मुस्लिम आध्यात्मिकता का एक मिश्रण है और जिसका उदय दक्षिण एशिया में हुआ था।
भारत के एक प्रमुख सूफी नेता मौलवी हज़रत सैयद मुहम्मद अशरफ़ ने कहा, "पिछले कुछ दशकों से भारत में, सूफी मत को कमजोर करने और इसकी जगह पर एक उग्रवादी और कट्टरपंथी विचारधारा स्थापित करने का ठोस प्रयास किया गया है।"
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