2016-03-22 08:59:00

ईश्वर दया है, कोलोस्सेऊम पर क्रूस मार्ग की विनती का शीर्षक


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 22 मार्च 2016 (सेदोक): रोम के ऐतिहासिक स्मारक कोलोस्सेऊम पर पुण्य शुक्रवार की रात्रि क्रूस मार्ग की विनती का पाठ किया जायेगा जिसके चिन्तन का शीर्षक हैः  "ईश्वर दया है"।

सन्त पापा फ्राँसिस के नेतृत्व में कोलोस्सेऊम पर प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी पवित्र क्रूस मार्ग की विनती का पाठ किया जायेगा तथा इसके 14 मुकामों पर चिन्तन किया जायेगा। इस वर्ष क्रूस मार्ग के 14 मुकामों के चिन्तन इटली स्थित पेरूजिया के महाधर्माध्यक्ष, कार्डिनल ग्वालतियेरो बासेत्ती द्वारा लिखे गये हैं।

वाटिकन ने सोमवार को पुण्य शुक्रवार के लिये निर्धारित इस कार्यक्रम की सूचना देते हुए प्रकाशित किया कि इस वर्ष कार्डिनल बासेत्ती द्वारा तैयार चिन्तन यह सन्देश देता है कि हमारे भय, हमारी पीड़ा, प्रताड़ना एवं हिंसा के बीच प्रभु ईश्वर मुक्त रूप से अपनी दया प्रसारित करते हैं।

पवित्र क्रूस मार्ग के 14 मुकामों पर कार्डिनल बासेत्ती सन्त जॉन पौल द्वितीय के शब्दों का स्मरण दिलाते हुए प्रताड़ित ख्रीस्तीयों तथा नज़रबन्दी शिविरों में मारे गये यहूदियों की याद करते हैं।

वे प्रभु ख्रीस्त के मुखमण्डल में अज़नबी और, विशेष रूप से, आप्रवासी को देखने का आग्रह करते  तथा संकट में पड़े परिवारों के लिये प्रार्थना का आग्रह करते हैं। विवाह–विच्छेद से पीड़ित दम्पत्तियों, अपनी नौकरियाँ खो चुके लोगों तथा नौकरी की तलाश में लगे युवाओं को याद करने की हमसे अपील करते हैं।

कार्डिनल बासेत्ती के चिन्तन में दुराचार, शोषण और मानवतस्करी के शिकार बच्चों का भी स्मरण किया गया है तथा याचना की गई है कि उन्हें प्रतिष्ठापूर्ण जीवन यापन का मौका मिले।

अपने चिन्तन में कार्डिनल महोदय ने आधुनिक जगत के शहीदों जैसे मास्सिमिलियानो कोल्बे तथा ईडिथ स्टाईन को "समसामयिक विश्व में प्रभु ख्रीस्त के यथार्थ प्रेरित" निरूपित कर उनसे प्रेरणा ग्रहण करने का आग्रह किया है।

अरिमिथिया के जोसफ के प्रेम, कृतज्ञता एवं विनम्रता की ओर उन्होंने इंगित किया है जिन्होंने विश्व के शक्तिशाली लोगों के दिखावे से भरे अन्तयेष्टि समारोहों के विपरीत बड़े ही सरल एवं सौम्य ढंग से प्रभु येसु की दफन क्रिया सम्पन्न की थी।

प्रभु येसु की समाधि को बन्द करने की क्रिया पर कार्डिनल बासेत्ती कहते हैं कि मृत्यु की विजय नहीं हुई क्योंकि इसी समाधि की परछाई में प्रभु ईश्वर मनुष्यों में नवीन कृपा को प्रस्फुटित करने के लिये क्रियाशील रहा करते हैं।








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