2016-03-10 15:40:00

युवाओं के लिए विश्वास प्रशिक्षण हेतु सेमिनार


पूर्वी तिमोर, बृहस्पतिवार, 10 मार्च 2016 (ऊकान): वाटिकन के प्रतिनिधि मोन्सिन्योर लोनत पौल स्ट्रेजक ने जानकारी दी कि पूर्वी तिमोर के दिली धर्मप्रांत में करीब 400 युवा, मेल-मिलाप की खोज करने तथा संघर्ष एवं हिंसा को दूर करने हेतु सेमिनार में भाग लिया।

 दिली स्थित आवर लेडी ऑफ फातिमा को समर्पित लघु गुरूकुल में, तिमोर के लिए वाटिकन के उपराजदूत मोन्सिन्योर लोनत पौल स्ट्रेजक ने युवाओं से कहा कि वे अपनी काथलिक पहचान को, दुःख झेल रहे लोगों के साथ एकात्मता द्वारा प्रदर्शित करें।

उन्होंने कहा, ″काथलिक पहचान गिरजा जाना मात्र नहीं है किन्तु एक-दूसरे से प्रेम करना भी है। यह व्यर्थ हो जाता है यदि हम गिरजा जाते हैं किन्तु बाद में संघर्षों में शामिल होते तथा हिंसक कार्यों में भाग लेते हैं।″  

उपराजदूत ने कहा कि हमें समाज में साक्ष्य प्रस्तुत करना है, जरूरतमंद लोगों को सहायता देना, भूखों को खिलाना-पिलाना तथा कैदियों से मुलाकात करना है।

तिमोर में कानून की पढ़ाई कर रहे 22 वर्षीय दानियल दोस संतोस ने मोन्सिन्योर की बातों से प्रेरित होकर ऊका समाचार से कहा, ″मैं यह सुनने की कोशिश करूँगा कि ईश्वर इस वर्ष मुझसे क्या चाहते हैं। विशेषकर, अभी के समय में जब हम चालीसा काल में हैं।

उन्होंने बतलाया कि वे अपने मित्रों के साथ दिली के अस्पताल में रोगियों को देखने जाते हैं।

धर्मप्रांतीय युवा आयोग के अध्यक्ष फादर जोओ स्वरेस ने कहा कि सेमिनार का उद्देश्य, युवाओं को कलीसिया की सामाजिक धर्मशिक्षा से अवगत कराना था। उन्होंने कहा, ″कलीसिया और देश के भावी कर्णधार के रूप में हमें उन्हें उनकी भूमिका को समझाते हुए अच्छी तरह तैयार करना है। उन्हें बुरी चीजों की ओर सहज ही बढ़ने से बचाना है जिनकी आशा हम उनसे नहीं करते। 








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